स्वामीनारायण संस्था (BAPS) ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के सहयोग से, वियना स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) में एक प्रेरणादायी अंतरराष्ट्रीय समारोह का आयोजन किया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने दो अत्यंत महत्वपूर्ण मील के पत्थरों का उत्सव मनाया: BAPS और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) के बीच तीन दशकों की सशक्त साझेदारी और परम पूज्य ब्रह्मस्वरूप प्रमुख स्वामी महाराज के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय (न्यूयॉर्क) में विश्वप्रसिद्ध मिलेनियम वर्ल्ड पीस समिट में दिए गए 30 वर्ष पूर्व के संबोधन का स्मरण।
अफगानिस्तान, मिस्र, भारत, इंडोनेशिया, केन्या, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड और अमेरिका जैसे दुनिया के कई देशों के राजनयिकों, संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों और सामुदायिक नेताओं ने इस अवसर पर एकजुट होकर वैश्विक शांति, पारस्परिक सम्मान और मानवता की सेवा के साझा संकल्प को फिर से सशक्त किया।
वैश्विक नेतृत्वकर्ताओं के प्रेरणादायी विचार
समारोह में उपस्थित वैश्विक नेतृत्वकर्ताओं ने 'Light, Peace and Partnership' की थीम पर अपने विचार रखे:
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विक्रमजीत दुग्गल (काउंसलर, भारतीय मिशन): उन्होंने कहा कि BAPS और संयुक्त राष्ट्र दोनों एकता, करुणा और सर्वांगीण प्रगति जैसे मूल्यों पर आधारित हैं, और यही मूल्य विश्व के भविष्य को दिशा देते हैं।
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पेरी लिन जॉनसन (सहायक महानिदेशक, IAEA): उन्होंने कार्यक्रम की थीम को अत्यंत सार्थक बताते हुए कहा कि BAPS वियना के UN समुदाय को एकता की ऊर्जा से जोड़ रहा है। उन्होंने यूक्रेन के शरणार्थियों के लिए BAPS के मानवीय प्रयासों का उल्लेख करते हुए भावनापूर्ण कहा कि BAPS की सेवाओं को सुनकर ऐसा लगता है जैसे वह अपने परिवार के बीच वापस आ गई हैं।
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युको यासुनागा (उप महानिदेशक, UNIDO): उन्होंने जोर दिया कि सतत विकास का वास्तविक मार्ग तभी संभव है जब नागरिक समाज, आध्यात्मिक संगठन और सरकारी संस्थाएं साथ मिलकर, समभाव से काम करें। उन्होंने BAPS को 'सच्चे वैश्विक सहयोगी और अच्छे पड़ोसी' के रूप में सराहा।
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यान डूबॉस्क (मेयर, ब्यूसी-सेंट-जॉर्जेस, पेरिस): उन्होंने यूरोप में BAPS द्वारा फैलाए जा रहे अंतरसांस्कृतिक सौहार्द को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पेरिस का आगामी BAPS मंदिर यूरोप की सांस्कृतिक एकात्मता का एक उज्ज्वल प्रतीक बनेगा।
शांति का मूल मंत्र
अबू धाबी में BAPS हिंदू मंदिर के प्रमुख ब्रह्मविहारिदास स्वामी ने Peace through Partnership पर बोलते हुए कहा कि वास्तविक शांति तभी संभव है जब मनुष्य का हृदय निःस्वार्थता, कृतज्ञता और सेवा से भरा हो। उन्होंने कहा कि BAPS का मूल मंत्र है, हम सब मिलकर, दुनिया को एक परिवार मानकर, सेवा और सद्भाव के दीप जलाएँ।
कार्यक्रम का समापन परम पूज्य महंत स्वामी महाराज के आशीर्वचनों से हुआ, जिसमें उन्होंने सभी को प्रेरित किया। उनका सार्वभौमिक संदेश था: "अपने जीवन को ऐसा दीपक बनाओ, जो दुनिया को अच्छाई, करुणा और शांति के प्रकाश से भर दें।"
रीना अमीन (प्रमुख BAPS बाह्य संबंध) ने सभी का धन्यवाद करते हुए BAPS की ओर से सत्यनिष्ठा, विनम्रता और मानवहित की भावना के साथ संसार की सेवा करने के लिए निरंतर सहयोग और साझेदारी की आकांक्षा व्यक्त की।