नई दिल्ली: देश के श्रम परिदृश्य में एक ऐतिहासिक बदलाव लाते हुए, मोदी सरकार ने आज से चार नई श्रम संहिताओं (Labour Codes) को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया है। इसे आजादी के बाद से अब तक का सबसे बड़ा श्रमिक-उन्मुख सुधार बताया जा रहा है, जिसका सीधा असर देश के 40 करोड़ से अधिक असंगठित और संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के जीवन पर पड़ेगा। इन चार नई श्रम संहिताओं के लागू होने से दशकों पुराने और जटिल श्रम कानूनों का स्थान अब सरल, स्पष्ट और आधुनिक प्रावधान लेंगे। सरकार का दावा है कि ये नियम कार्यबल के अधिकारों को मजबूत करेंगे, जबकि 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को भी बढ़ावा देंगे।
श्रमिकों को मिली गारंटी और अधिकार
नई श्रम संहिताओं का मुख्य केंद्रबिंदु श्रमिकों को सामाजिक न्याय और सुरक्षा प्रदान करना है। इन कानूनों के लागू होने से कई मूलभूत अधिकार गारंटीकृत हो गए हैं:
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न्यूनतम वेतन की गारंटी: सभी कामगारों को अब समय पर न्यूनतम वेतन की गारंटी मिलेगी, जिससे देरी, मनमानी और वेतन शोषण की गुंजाइश खत्म हो जाएगी।
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समान वेतन (Equal Pay): कार्यस्थलों पर जेंडर-आधारित भेदभाव को समाप्त करने के लिए महिलाओं के लिए समान काम के लिए समान वेतन का नियम लागू होगा।
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सामाजिक सुरक्षा: देश के 40 करोड़ श्रमिकों को सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाएगा।
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ग्रेच्युटी में बदलाव: फिक्स टर्म एम्प्लॉईस (Fixed Term Employees) को अब एक साल की सेवा पूरी होने के बाद ग्रेच्युटी की गारंटी मिलेगी।
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ओवरटाइम वेतन: ओवरटाइम करने वाले श्रमिकों को अब दुगने वेतन का प्रावधान दिया गया है।
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हेल्थ चेक-अप: 40 साल से अधिक आयु वाले श्रमिकों को सालाना मुफ्त हेल्थ चेक-अप की गारंटी प्रदान की गई है।
जोखिम भरे क्षेत्रों में सुरक्षा पर विशेष ध्यान
नए कानूनों में उन श्रमिकों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं जो जोखिम भरे (Hazardous) क्षेत्रों जैसे खदानों, केमिकल यूनिट्स और अन्य खतरनाक सेक्टरों में काम करते हैं। इन कामगारों के लिए 100% हेल्थ सिक्योरिटी की गारंटी दी गई है, जो उनकी सुरक्षा और कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री ने सराहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सुधारों को 'श्रमिक-उन्मुख' बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "यह आजादी के बाद से सबसे बड़े और आगे बढ़ने वाले लेबर-ओरिएंटेड सुधारों में से एक है। यह हमारे वर्कर्स को बहुत मजबूत बनाता है।" पीएम मोदी ने यह भी कहा कि ये कोड 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को बढ़ावा देंगे और यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी, न्यूनतम और समय पर सैलरी का पेमेंट, सुरक्षित वर्कप्लेस के लिए मजबूत नींव का काम करेंगे। केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी इन नियमों के लागू होने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने X पर पोस्ट कर कहा, "मोदी सरकार की गारंटी: हर श्रमिक का सम्मान! आज से देश में नई श्रम संहिताएं लागू हो गई हैं।"
इन नई संहिताओं का उद्देश्य श्रम कानूनों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाना, श्रमिकों को सामाजिक न्याय देना और साथ ही उद्योगों के लिए अनुपालन (Compliance) को आसान बनाना है, जिससे देश में आर्थिक गतिविधियों को बल मिले।