पाकिस्तान के साथ बिगड़ते हालात और सरहद पर बढ़ती तनातनी के बीच, अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के लिए भारत सबसे बड़ा सहारा बनकर उभरा है। बीते लगभग 20 दिनों में, भारत ने तालिबान प्रशासन को चार अहम राहतें देकर काबुल-दिल्ली रिश्तों में नई जान फूंकी है।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि यह सब तब हो रहा है जब भारत ने आज भी तालिबान सरकार को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है। इसके बावजूद, दोनों देशों ने पाकिस्तान को बाईपास करने की रणनीति पर तेजी से काम शुरू कर दिया है, जो क्षेत्रीय भू-राजनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।
व्यापार का नया रास्ता: चाबहार पोर्ट
भारत और अफगानिस्तान ने मिलकर यह तय किया है कि वे व्यापार के लिए अब पाकिस्तान पर अपनी निर्भरता खत्म करेंगे। इसके बजाय, ईरान के चाबहार पोर्ट को बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाएगा।
अफगान ट्रेड मंत्री नूरुद्दीन अज़ीजी की हालिया दिल्ली यात्रा के दौरान इस रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। इस कदम से अफगान माल सीधे भारतीय बंदरगाहों तक और भारतीय अनाज व दवाइयाँ सीधे काबुल तक पहुँच सकेंगी। इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाएंगे:
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चाबहार से नियमित शिपिंग सर्विस शुरू करना।
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निमरोज में ड्राई पोर्ट स्थापित करना।
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भारत के नावा शेवा पोर्ट पर कार्गो क्लियरेंस को सुगम बनाना।
भारत की ओर से चार अहम राहतें
भारत ने तालिबान प्रशासन को जो चार महत्वपूर्ण राहतें दी हैं, वे काबुल में सकारात्मक संदेश दे रही हैं और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान कर रही हैं:
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एंबुलेंस और मानवीय मदद: भारत ने हाल ही में अफगानिस्तान को एंबुलेंस और मेडिकल सहायता भेजी। तालिबान सरकार मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी से जूझ रही है, और यह मानवीय मदद काबुल में बेहद सकारात्मक रूप से देखी गई है, यह दर्शाता है कि मानवीय मुद्दों पर कोई समझौता नहीं होगा।
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दूतावास की पुनः सक्रियता: 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद भारत ने अपना काबुल दूतावास बंद कर दिया था। लेकिन पाकिस्तान से तालिबान के रिश्तों में आई खटास के बाद, भारत ने धीरे-धीरे दूतावास को फिर से सक्रिय कर दिया है। अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी की दिल्ली यात्रा ने इस प्रक्रिया को और गति दी।
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एयर कार्गो सर्विस की बहाली: दोनों देशों ने घोषणा की है कि जल्द ही भारत-अफगानिस्तान एयर कार्गो रूट फिर से शुरू होगा। पाकिस्तान-अफगान सीमा पर हालिया सैन्य टकराव के बाद, भारतीय अनाज, दवाइयों और मशीनरी की तत्काल आवश्यकता को देखते हुए, एयर कार्गो एक बड़ी राहत बनकर उभरा है।
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भारतीय बिजनेस के लिए ग्रीन कार्पेट: तालिबान प्रशासन ने भारतीय कंपनियों को खुले आम निवेश का न्योता दिया है। इसमें 5 साल तक टैक्स छूट, 1% इम्पोर्ट टैरिफ, मुफ्त जमीन, और विश्वसनीय बिजली सप्लाई देने का ऐलान शामिल है। माइनिंग, कृषि, आईटी, फार्मा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भारत के निवेश का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।
भारत की यह कूटनीतिक सक्रियता दर्शाती है कि क्षेत्र में अपने सामरिक और आर्थिक हितों की रक्षा के लिए वह 'वेट एंड वॉच' की नीति को छोड़कर व्यावहारिक जुड़ाव की ओर बढ़ रहा है।