थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लंबे समय से चल रहे शिव मंदिर को लेकर सीमा विवाद को खत्म करने के लिए दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष आज मलेशिया में शांति वार्ता करेंगे। मलेशिया के विदेश मंत्री मुहम्मद हसन ने बताया कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों पक्षों को शांति वार्ता के लिए मना लिया है। इस वार्ता में थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई और कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट हिस्सा ले सकते हैं।
ट्रंप की चेतावनी और शांति की पहल
ट्रंप ने दोनों देशों को चेतावनी दी है कि यदि वे आपसी विवाद सुलझाने में सफल नहीं हुए तो अमेरिका उनके साथ कोई ट्रेड डील नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे पर मिसाइल और रॉकेट दाग रहे हैं और आम लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ट्रंप ने अपने अन्य सफल मध्यस्थता प्रयासों का जिक्र करते हुए कंबोडिया और थाईलैंड के लिए भी समझौता कराने का वादा किया है।
चर्चा के तीन मुख्य मुद्दे
शांति वार्ता में मुख्य रूप से तीन अहम मुद्दों पर बातचीत होगी। पहला और सबसे महत्वपूर्ण विवाद शिव मंदिर का है, जो सदियों पुराना है। मंदिर के आस-पास का इलाका दोनों देशों के बीच विवादित है और इस पर नियंत्रण को लेकर पिछले छह दिनों से संघर्ष चल रहा है। दूसरा मुद्दा दोनों देशों के भविष्य के संबंध और सहयोग की दिशा तय करना है। तीसरा मुद्दा ट्रेड डील्स और आर्थिक सहयोग को लेकर दोनों देशों के बीच बनी खटास को दूर करना है।
शिव मंदिर विवाद की पृष्ठभूमि
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच यह विवाद 19वीं और 20वीं सदी में बनाए गए नक्शों की असहमति से शुरू हुआ। प्राचीन खमेर मंदिरों जैसे प्रियह विहार, प्रसात ता मुएन थम और प्रसात ता क्रबे को लेकर सीमा को लेकर टकराव है। कंबोडिया इन मंदिरों को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है, जबकि थाईलैंड मंदिर और उसके आसपास के इलाके पर अपना अधिकार जताता है।
हाल की घटनाएं और बढ़ता तनाव
मई 2025 में एमराल्ड ट्रायंगल के पास दोनों देशों के सैनिकों के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें कंबोडियाई सैनिक की मौत हुई। इसके बाद दोनों पक्षों ने सीमा पर अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी। जुलाई के अंत में थाईलैंड के उबोन रतचाथानी में बारूदी सुरंग विस्फोट और मंदिर के पास भारी गोलीबारी की घटनाएं सामने आईं। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर हमला करने और आरोप लगाने में लगे रहे। जुलाई के संघर्ष में कम से कम 32 लोग मारे गए और 2 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए।
विवाद का व्यापक प्रभाव
इस संघर्ष ने दोनों देशों के बीच संबंधों को पूरी तरह से प्रभावित किया है। थाईलैंड ने कंबोडिया से फल, सब्जी, ईंधन और इंटरनेट सेवाओं का आयात रोक दिया है। कंबोडिया ने थाई फिल्मों और टीवी शो पर प्रतिबंध लगाया है। दोनों देशों ने अपने-अपने राजदूतों को निष्कासित कर दिया है और राजनयिक संबंधों को सीमित कर दिया है। कंबोडिया ने विवाद को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले जाने की मांग की है, जबकि थाईलैंड द्विपक्षीय बातचीत पर जोर देता है।
मलेशिया की मध्यस्थता और आशाएं
अंतरराष्ट्रीय दबाव और अमेरिका की चेतावनी के बाद मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने युद्धविराम का प्रस्ताव रखा है। आज की वार्ता में उम्मीद है कि दोनों देश समझौता कर विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाएंगे। इससे क्षेत्र में स्थिरता आएगी और दोनों देशों के लोगों के लिए बेहतर हालात बनेंगे।