बुधवार का दिन दो देशों के लिए भूकंपीय हलचलों से भरा रहा। सुबह अफगानिस्तान में तेज़ भूकंप के झटकों के बाद, दक्षिणी फिलीपींस में भी 5.6 तीव्रता का भूकंप आया। ये झटके इतने जोरदार थे कि लोगों की नींद खुल गई और वे डर के मारे घरों से बाहर निकल आए। हालांकि राहत की बात यह रही कि अभी तक किसी तरह के नुकसान या हताहत की खबर नहीं है।
कहां था भूकंप का केंद्र?
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र फिलीपींस के मिंडानाओ द्वीप के तट पर स्थित था। झटकों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.6 मापी गई, और इसका केंद्र 30 किलोमीटर की गहराई में था। वहीं, फिलीपीन ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान ने बताया कि भूकंप का केंद्र मैतुम शहर से लगभग 43 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था। यह क्षेत्र पहाड़ी है और जनसंख्या भी अपेक्षाकृत कम है।
लोग हुए दहशत में
भूकंप के झटके अचानक महसूस हुए और लोगों में घबराहट फैल गई। कई लोग नींद में थे और तेज कंपन के कारण बाहर निकल आए। मैटुम शहर के फायर डिपार्टमेंट के अधिकारी गिल्बर्ट रोलिफोर ने बताया, "यह भूकंप काफी शक्तिशाली था, लेकिन राहत की बात ये रही कि यह ज्यादा देर तक नहीं चला, इस वजह से नुकसान की संभावना भी कम हो गई।"
पहले अफगानिस्तान में भी आया था भूकंप
इससे पहले बुधवार सुबह ही अफगानिस्तान में 5.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। इसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर तक झटके महसूस किए गए। इस भूकंप की गहराई भी सतह के करीब थी, जिससे प्रभाव ज्यादा हुआ। हालांकि अफगानिस्तान में भी फिलहाल किसी बड़े नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है।
भूकंप क्यों आते हैं फिलीपींस में?
फिलीपींस प्रशांत महासागर के 'रिंग ऑफ फायर' पर स्थित है, जो जापान से लेकर दक्षिण-पूर्व एशिया और अमेरिका के पश्चिमी तट तक फैला एक सक्रिय भूकंपीय और ज्वालामुखीय क्षेत्र है। इस कारण यहां लगातार हल्के और मध्यम दर्जे के भूकंप आते रहते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, ये झटके सामान्य हैं लेकिन इनका समय और तीव्रता अनुमान लगाना मुश्किल होता है।
क्या हुआ नुकसान?
अब तक की जानकारी के अनुसार, कोई बड़ा नुकसान या जनहानि नहीं हुई है। भूकंप का केंद्र पहाड़ी और कम आबादी वाले क्षेत्र में होने के कारण आर्थिक और मानवीय नुकसान की संभावना बहुत कम रही। फिर भी, स्थानीय प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
आगे क्या?
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स्थानीय अधिकारियों द्वारा इमारतों और बुनियादी ढांचे की जांच की जा रही है।
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आपातकालीन सेवाएं अलर्ट पर हैं, ताकि किसी भी तरह की आपदा से निपटा जा सके।
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फिलीपींस सरकार और वैज्ञानिक संस्थान आने वाले आफ्टरशॉक्स की संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं।
निष्कर्ष
दक्षिणी फिलीपींस में आया यह भूकंप एक चेतावनी है कि प्राकृतिक आपदाएं किसी भी वक्त आ सकती हैं। फिलहाल राहत की बात ये है कि कोई जनहानि नहीं हुई है, लेकिन सतर्कता जरूरी है। वहीं, अफगानिस्तान और भारत के कुछ हिस्सों में भी झटके महसूस होने से लोग सतर्क हो गए हैं।
भविष्य में ऐसे भूकंपों से निपटने के लिए सजग रहना और पूर्व चेतावनी तंत्र को मजबूत करना समय की मांग है।