बुधवार की सुबह अफगानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में आए भूकंप ने भारत के कई हिस्सों में भी हलचल मचा दी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.9 मापी गई। झटके इतने तेज थे कि दिल्ली-NCR, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और उत्तराखंड समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में लोग भूकंप को साफ महसूस कर सके।
कहां रहा भूकंप का केंद्र?
भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में था, जो एक पहाड़ी इलाका है। भूकंप की गहराई करीब 75 किलोमीटर बताई गई है। यह इलाका पहले भी भूकंप के लिहाज से संवेदनशील रहा है और इस बार भी झटकों की तीव्रता ने लोगों को चिंता में डाल दिया। शुरुआत में कुछ रिपोर्ट्स में इसकी तीव्रता 6.9 बताई गई थी, लेकिन बाद में इसे सुधार कर 5.9 घोषित किया गया।
भारत में कहां-कहां महसूस हुए झटके?
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दिल्ली-NCR: सुबह करीब 6:00 बजे के आसपास कई लोगों को धरती हिलती महसूस हुई।
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पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर: इन राज्यों में भी झटकों की सूचना मिली।
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कई लोगों ने सोशल मीडिया पर भूकंप की पुष्टि करते हुए लिखा – "अभी अभी भूकंप आया", "क्या किसी और ने भी झटका महसूस किया?"
क्या हुआ कोई नुकसान?
अब तक की जानकारी के अनुसार, अफगानिस्तान या भारत में किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं आई है। भूकंप का केंद्र कम आबादी वाले इलाके में होने के कारण और गहराई ज्यादा होने की वजह से प्रभाव कम हुआ। हालांकि, भूकंप की तीव्रता को देखते हुए विशेषज्ञों ने सतर्क रहने की सलाह दी है।
लोग कैसे कर रहे थे रिएक्ट?
सोशल मीडिया पर भूकंप को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं तेजी से आने लगीं। किसी ने लिखा – "सुबह-सुबह धरती क्यों हिल गई?" तो किसी ने कहा – "दिल्ली में एक बार फिर से भूकंप, सब ठीक तो है?" ट्विटर और इंस्टाग्राम पर कुछ ही मिनटों में #Earthquake ट्रेंड करने लगा।
क्यों आते हैं भूकंप हिंदू कुश क्षेत्र में?
हिंदू कुश क्षेत्र, जो अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर स्थित है, टेक्टोनिक प्लेट्स के टकराव वाले क्षेत्र में आता है। यहां अक्सर छोटे-बड़े भूकंप आते रहते हैं। यह इलाका हिमालयी टेक्टोनिक जोन से जुड़ा हुआ है, जिससे भारत के उत्तरी हिस्सों में भी इसका असर दिखाई देता है।
📌 क्या करना चाहिए भूकंप के दौरान?
यदि भूकंप आए तो घबराएं नहीं:
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मजबूत फर्नीचर के नीचे छुपें
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खिड़की और भारी वस्तुओं से दूर रहें
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सीढ़ियों या लिफ्ट का उपयोग न करें
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भूकंप रुकने के बाद खुले स्थान में जाएं
निष्कर्ष
अफगानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में आए 5.9 तीव्रता के इस भूकंप ने एक बार फिर से याद दिला दिया कि धरती के भीतर की हलचलें कब सतह पर तबाही ला सकती हैं, इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल है। हालांकि इस बार कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन सतर्कता और जागरूकता ही भविष्य में किसी भी आपदा से बचाव का सबसे मजबूत तरीका है।