भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ गया है। एनडीए (NDA) के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन ने 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव में शानदार जीत दर्ज की है। उनकी इस सफलता पर देशभर से उन्हें बधाइयाँ मिल रही हैं, लेकिन सबसे खास रही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया के ज़रिए सी.पी. राधाकृष्णन को बधाई देते हुए लिखा:
“सी.पी. राधाकृष्णन को 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत पर हार्दिक बधाई। उनका जीवन समाज सेवा, गरीबों और वंचितों को सशक्त करने के लिए समर्पित रहा है। मुझे विश्वास है कि वे एक उत्कृष्ट उपराष्ट्रपति साबित होंगे, जो हमारे संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करेंगे और संसदीय संवाद को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे।”
पीएम मोदी की यह प्रतिक्रिया न केवल राधाकृष्णन के प्रति उनके सम्मान को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि एनडीए की राजनीति अब और अधिक समावेशी और जमीनी होती जा रही है।
🇮🇳 गृह मंत्री अमित शाह ने कहा – "संसदीय लोकतंत्र को मिलेगी नई दिशा"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्विटर पर एक भावनात्मक संदेश साझा किया। उन्होंने लिखा:
“सी.पी. राधाकृष्णन को भारत के उपराष्ट्रपति चुने जाने पर हार्दिक बधाई। एक नीचले तबके से उठे हुए नेता के रूप में आपका जीवन, दूरदर्शिता और प्रशासनिक समझ का अद्भुत उदाहरण है। मुझे विश्वास है कि आप उच्च सदन की पवित्रता के संरक्षक के रूप में उत्कृष्ट भूमिका निभाएंगे। आपकी यात्रा के लिए शुभकामनाएं।”
अमित शाह का यह बयान साफ दर्शाता है कि राधाकृष्णन की जीत सिर्फ एक राजनीतिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि एक सामाजिक संकेत है कि भारत में लोकतंत्र अब और अधिक सशक्त और समावेशी बनता जा रहा है।
सी.पी. राधाकृष्णन: समाज सेवा से उपराष्ट्रपति भवन तक
.पी. राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर बेहद साधारण परिवेश से शुरू हुआ था। एक नीचले तबके से उभर कर, वे आज देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद तक पहुंचे हैं। उनका राजनीतिक करियर हमेशा से समाज के वंचित तबकों की आवाज़ उठाने और जनकल्याणकारी नीतियों को आगे बढ़ाने में रहा है।
उनका चयन इस बात की पुष्टि करता है कि संविधान के मूल्यों को समझने और आगे बढ़ाने के लिए अब जमीनी अनुभव को ज्यादा अहमियत दी जा रही है।
चुनावी जीत का असर
सी.पी. राधाकृष्णन की जीत एनडीए के लिए एक बड़ी राजनीतिक कामयाबी मानी जा रही है। विपक्षी दलों की आपसी फूट और रणनीतिक असफलता का फायदा एनडीए को मिला। इस जीत से जहां एनडीए को मनोवैज्ञानिक बढ़त मिली है, वहीं राधाकृष्णन की स्वीकार्यता संसद के उच्च सदन में भी सुनिश्चित मानी जा रही है।
निष्कर्ष
सी.पी. राधाकृष्णन की उपराष्ट्रपति पद पर जीत एक नई उम्मीद, नया दृष्टिकोण और नया नेतृत्व लेकर आई है। प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह जैसे शीर्ष नेताओं की बधाई से यह स्पष्ट है कि वे इस जीत को सिर्फ एक राजनीतिक उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की जीत मानते हैं।
अब देश को उम्मीद है कि राधाकृष्णन का कार्यकाल न केवल संविधान की गरिमा को बनाए रखेगा, बल्कि लोकतांत्रिक संवाद को भी सशक्त करेगा।