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असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार चुनाव में दिखाई अपनी ताकत, क्या यूपी के गठबंधन में बढ़ेगी हैसियत?

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Posted On:Monday, November 17, 2025

बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की बड़ी जीत के बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। सीमांचल क्षेत्र की 24 सीटों में से 5 पर जीत हासिल कर ओवैसी ने न सिर्फ अपनी पार्टी की पकड़ साबित की, बल्कि वर्षों से चले आ रहे आरजेडी के मुस्लिम वोट बैंक के नैरेटिव को भी तोड़ दिया।

महागठबंधन (खासकर RJD) यह मानकर चल रहा था कि मुस्लिम वोट उन्हें ही मिलेंगे, लेकिन सीमांचल में AIMIM के प्रदर्शन ने यह स्पष्ट कर दिया कि मुस्लिम समुदाय अब राजनीतिक दलों का गुलाम नहीं है। ओवैसी ने मुस्लिमों के बीच हक, आज़ादी, न्याय और बराबरी के लिए लड़ने वाली एक अलग छवि पेश की है।

सीमांचल में AIMIM की धमाकेदार जीत

AIMIM ने मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र की 29 सीटों पर चुनाव लड़ा और 5 सीटों पर भारी मतों के अंतर से जीत हासिल की।

सीट विजेता उम्मीदवार जीत का अंतर (वोट) कुल वोट
अमौर अख्तरुल ईमान 38,928 1,00,836
कोचाधामन मोहम्मद सरवर आलम 23,021 81,860
बैसी गुलाम सरवर 27,251 92,766
जोकीहाट मोहम्मद मुर्शीद आलम 28,803 83,737
बहादुरगंज मोहम्मद तौसीफ आलम 28,726 87,315

यह जीत इसलिए भी अहम है क्योंकि AIMIM ने किसी भी गठबंधन में शामिल हुए बिना, स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा और पिछले विधानसभा चुनाव से ज्यादा वोटों के मार्जिन से जीत दर्ज की। पार्टी को बिहार चुनाव में 1.85 प्रतिशत वोट हासिल हुए।

राष्ट्रीय राजनीति पर असर

बिहार के नतीजों ने तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी जैसे उन नेताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है, जो मुस्लिमों पर अपना हक जताते रहे हैं। अब उम्मीद की जा रही है कि ओवैसी इसी नैरेटिव के साथ आगामी चुनावों, खासकर बंगाल, असम और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में उतरेंगे।

ओवैसी ने अखिलेश यादव को सीधे चेताया है कि उत्तर प्रदेश में अब M-Y (मुस्लिम-यादव) समीकरण काम नहीं करने वाला है। उन्होंने कहा कि "मुसलमान इतने समझदार हैं कि वो बराबरी और न्याय के लिए अपने हिसाब से वोट करें। धर्मनिरपेक्षता को बचाए रखने का ठेका केवल मुस्लिमों ने नहीं ले रखा है।" उन्होंने घोषणा की है कि 2027 में उनकी पार्टी यूपी में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी।

उत्तर प्रदेश में मुस्लिम मतदाता की ताकत

उत्तर प्रदेश में ओवैसी की संभावित एंट्री सियासी समीकरण बदल सकती है, क्योंकि:

  • मतदाता संख्या: यूपी में कुल मतदाता का लगभग 20 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं।

  • सीटों पर प्रभाव: यह आबादी सूबे की 143 सीटों पर अपनी पकड़ रखती है, जिनमें से 70 सीटों पर मुस्लिमों की आबादी 25 से 30 फीसदी है, और 73 सीटों पर 30 प्रतिशत से भी ज़्यादा है।

  • निर्णायक भूमिका: राज्य में 35 से ज्यादा सीटें ऐसी हैं जहाँ मुस्लिम उम्मीदवार जीतते आए हैं, और करीब 107 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहाँ मुस्लिम मतदाता चुनावी नतीजों को प्रभावित करते रहे हैं।

ओवैसी की बिहार सफलता ने उन्हें एक राष्ट्रीय मुस्लिम नेता के रूप में स्थापित किया है, जिससे अब क्षेत्रीय दलों के लिए मुस्लिम वोट बैंक को बचाए रखना एक बड़ी चुनौती बन गई है।


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