17 जुलाई 2025 को बिहार की राजधानी पटना के नामी पारस हॉस्पिटल में दिनदहाड़े हुई एक सनसनीखेज वारदात ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया। कुख्यात गैंगस्टर चंदन मिश्रा को कुछ हथियारबंद हमलावरों ने अस्पताल के भीतर घुसकर गोली मार दी थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की और अब तक कई आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। लेकिन इस पूरे मामले में सोशल मीडिया पर एक भ्रामक वीडियो वायरल हो रहा है, जिससे लोगों में भ्रम और गुस्सा दोनों फैल रहा है।
क्या है वायरल वीडियो?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, विशेष रूप से फेसबुक और व्हाट्सएप पर एक वीडियो तेज़ी से शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो में चार युवकों को पुलिस के साथ सड़क पर दिखाया गया है। सभी के पैरों में पट्टियां बंधी हुई हैं, जो इशारा करता है कि वे किसी मुठभेड़ में घायल हुए हैं। वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया:
“पारस हॉस्पिटल पटना में भर्ती चंदन मिश्रा की हत्या में संलिप्त शार्प शूटरों का हाल देख लीजिए। यही होना चाहिए, बिहार पुलिस।”
इस पोस्ट को देखकर बहुत से लोग यह मान बैठे कि वीडियो में दिख रहे लोग ही चंदन मिश्रा के हत्यारे हैं और यह मुठभेड़ बिहार पुलिस द्वारा की गई है। लेकिन जब इस वीडियो की फैक्ट चेकिंग की गई, तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
वीडियो की पड़ताल में क्या निकला?
इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम ने इस वायरल वीडियो की जांच शुरू की। सबसे पहले उन्होंने वीडियो के एक प्रमुख फ्रेम का गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। इसके परिणाम में जो जानकारी सामने आई, वह इस पूरे दावे को फर्जी साबित कर देती है।
यह वीडियो 1 जुलाई 2025 को ‘पब्लिक न्यूज ऐप’ पर अपलोड किया गया था। जबकि चंदन मिश्रा की हत्या 17 जुलाई 2025 को हुई थी। यानी वीडियो की तारीख घटना से पहले की है और इसलिए उसका चंदन मिश्रा हत्याकांड से कोई लेना-देना नहीं हो सकता।
कहां की है असली घटना?
पब्लिक न्यूज ऐप पर इस वीडियो के नीचे लिखा गया कैप्शन और संबंधित रिपोर्ट से पता चला कि यह वीडियो राजस्थान के बानसूर इलाके का है। यहाँ एक शराब ठेकेदार की हत्या के बाद राजस्थान पुलिस ने मुठभेड़ में चार बदमाशों को पकड़ा था। मुठभेड़ में इन चारों के पैरों में गोली लगी थी, और बाद में पुलिस ने उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा था। ठीक होने के बाद, पुलिस ने उन्हें सार्वजनिक रूप से कस्बे में परेड करवाई थी ताकि अपराधियों में डर और आम जनता में विश्वास पैदा किया जा सके।
इसी राजस्थान पुलिस की कार्रवाई के वीडियो को गलत तरीके से जोड़ दिया गया बिहार के चंदन मिश्रा हत्याकांड से, जिससे सोशल मीडिया पर एक भ्रामक नैरेटिव फैलाया गया।
आजतक की रिपोर्ट ने भी किया पुष्टि
इसी संदर्भ में जब और गहराई से खोज की गई तो ‘आजतक’ न्यूज़ चैनल की वेबसाइट पर भी यही वीडियो 1 जुलाई 2025 की रिपोर्ट में मिला। इस रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा गया कि यह वीडियो राजस्थान के कोटपूतली ज़िले का है, और इसका पटना की किसी भी घटना से कोई संबंध नहीं है।
निष्कर्ष: भ्रामक पोस्ट से सावधान रहें
इस फैक्ट चेक के बाद यह पूरी तरह साफ हो गया है कि वायरल हो रहा वीडियो चंदन मिश्रा हत्याकांड से जुड़ा नहीं है। यह वीडियो राजस्थान में हुई एक अलग घटना का है जिसे जानबूझकर या अज्ञानवश गलत संदर्भ में शेयर किया गया है।
संदेश
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हर चीज पर भरोसा करना सही नहीं है। हमें तथ्यों की पड़ताल करनी चाहिए, खासकर जब मामला कानून और व्यवस्था से जुड़ा हो। फर्जी खबरें और वीडियो सिर्फ गुमराह करते हैं बल्कि सामाजिक तनाव भी बढ़ाते हैं।
बिहार पुलिस की जांच चल रही है और असली दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में अफवाहों से बचना और सच्चाई को जानना सबसे जरूरी है।