बलूचिस्तान में अपहृत जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के मामले में पाकिस्तानी सेना का कहना है कि उनके ऑपरेशन में करीब 350 बंधकों को रिहा करा लिया गया है, जबकि 21 बंधकों की हत्या कर दी गई है। पाकिस्तानी सेना के अनुसार, उन्होंने सभी बलूच लड़ाकों को मार गिराया है तथा उनके चार सैनिक भी मारे गए हैं।
हालांकि, बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) का कहना है कि पाकिस्तानी सेना के दावे झूठे हैं और बलूचिस्तान के सिबी इलाके में लड़ाई अभी भी जारी है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल होने लगी है जिसमें कई ताबूत पाकिस्तानी झंडों में लिपटे नजर आ रहे हैं। फोटो के साथ कटाक्ष किया जा रहा है कि ये उन पाकिस्तानी सैनिकों के ताबूत हैं जो ट्रेन अपहरण अभियान में मारे गए थे।
तस्वीर को पलटने पर हमें यह तस्वीर फरवरी 2011 में मीडिया संस्थान इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट में मिली। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एक तालिबान आत्मघाती हमलावर ने पाकिस्तान के मर्दान स्थित सैन्य अड्डे पर खुद को उड़ा लिया। इसमें 31 आर्मी कैडेट मारे गए और 40 लोग घायल भी हुए। वायरल फोटो इस हमले में शहीद हुए जवानों के ताबूतों की है।