Aaj Ka Panchang 24 October 2025: पंचांग के अनुसार, आज 24 अक्टूबर 2025 को सुबह 01:19 मिनट तक कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि रहेगी, जिसके बाद कल सुबह तक चतुर्थी तिथि रहने वाली है. हालांकि, आज कोई व्रत या त्योहार नहीं है. लेकिन मां लक्ष्मी की पूजा करना शुभ रहेगा क्योंकि उन्हें समर्पित शुक्रवार का दिन है. आइए अब जानते हैं आज के दिन के योग, नक्षत्र, करण और ग्रहों की स्थिति आदि के बारे में.
पंचांग- 24.10.2025🌅
युगाब्द - 5126
संवत्सर - सिद्धार्थ
विक्रम संवत् -2082
शाक:- 1947
ऋतु __ शरद
सूर्य __ दक्षिणायन
मास __ कार्तिक
पक्ष __ शुक्ल पक्ष
वार __ शुक्रवार
तिथि - तृतीया 25:18:52
नक्षत्र अनुराधा 31:50:44
योग सौभाग्य 29:53:38
करण तैतुल 12:02:33
करण गर 25:18:52
चन्द्र राशि - वृश्चिक
सूर्य राशि - तुला
🚩🌺 आज विशेष 🌺🚩 आज के दिन श्वेत वस्तु का दान करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
🍁 अग्रिम पर्वोत्सव 🍁
👉🏻 गोपाष्टमी
30/10/25 (गुरुवार)
👉🏻 आंवला नवमी
31/10/25 (शुक्रवार)
👉🏻 देवप्रबोधिनी एकादशी
01/11/25 (शनिवार)
👉🏻 त्रिस्पर्शा महाद्वादशी व्रत
02/11/25 (रविवार)
👉🏻 प्रदोष व्रतम्
03/11/25 (सोमवार)
👉🏻 वैकुण्ठ चतुर्दशी व्रतम्
04/11/25 (मंगलवार)
👉🏻 कार्तिक/ सत्य पूर्णिमा व्रतम्
05/11/25 (बुधवार)
🕉️🚩 यतो धर्मस्ततो जयः🚩🕉️
|| समर्थ बनें-विनम्र रहें ||
जीवन में सामर्थ्य आती है तो व्यक्ति के भीतर सम्मान प्राप्ति का भाव भी जागृत हो जाता है। निःसंदेह सामर्थ्य के साथ सहजता का आ जाना ही तो जीवन की महानता है क्योंकि जहाँ समर्थता होती है, वहाँ प्रायः विनम्रता का अभाव ही देखा जाता है। सहनशीलता ही मानव जीवन की सबसे बड़ी सामर्थ्य है। सामर्थ्य का अर्थ यह नहीं कि आप दूसरों को कितना झुका सकते हो अपितु यह है, कि आप स्वयं कितना झुक सकते हो। सदैव इस बात के लिए प्रयासरत रहें कि हम सम्मान पाने की लालसा रखने वाले नहीं, सम्मान देने वाले बन सकें। बल का उपयोग स्वयं सम्मान प्राप्त करने के लिए नहीं अपितु दूसरों के सम्मान की रक्षा के लिए करना ही जीवन की श्रेष्ठता है। झुक कर जीना सीखो ताकि दूसरों के आशीर्वाद भरे हाथ सहजता से आपके सिर तक पहुँच सकें। यह बात भी स्मरण रहे कि जीवन में अकड़ने से विवाद और झुकने से आशीर्वाद स्वतः प्राप्त हो जाते हैं।
जय जय श्री सीताराम 👏
जय जय श्री ठाकुर जी की👏
(जानकारी अच्छी लगे तो अपने इष्ट मित्रों को जन हितार्थ अवश्य प्रेषित करें।)
ज्यो.पं.पवन भारद्वाज(मिश्रा) व्याकरणज्योतिषाचार्य
राज पंडित-श्री राधा गोपाल मंदिर (जयपुर)