ताजा खबर

ईस्टर का इतिहास

Photo Source :

Posted On:Friday, April 23, 2021

ईस्टर , “लैटिन” में पस्चा, ग्रीक में “पास्का” ईसाई चर्च का प्रमुख त्योहार जो क्रूसिफ़िशियन (ईसा मसीह को सूली पर लटकाए जाने वाला दिन ) के बाद तीसरे दिन यीशु मसीह के पुनरुत्थान का जश्न के रूप मनाया जाता है | ईस्टर उत्सव का सबसे पहला रिकॉर्ड दूसरी शताब्दी से आया था | हालांकि यीशु के पुनरुत्थान का स्मरण संभवत: पहले हुआ था। ईस्टर के पीछे की कहानी बाइबिल के नए नियम में निहित है जो बताता है कि यीशु को रोमन अधिकारियों द्वारा कैसे गिरफ्तार किया गया था क्योंकि उन्होंने भगवान का पुत्र होने का दावा किया था। फिर उन्हें क्रूस पर चढ़ाकर रोमन सम्राट पोंटियस पिलाटे ने मौत की सजा सुनाई।

तीन दिन बाद उनका पुनरुत्थान ईस्टर के अवसर को दर्शाता है। यह दिन “पासओवर“ यहूदी त्योहार के साथ भी जुड़ा हुआ है। ईस्टर को एक खुशी के अवसर के रूप में मनाया जाता है और रविवार को "पाम रविवार" कहा जाता है जो यरूशलेम में यीशु के आगमन का प्रतीक है। विभिन्न चर्च शनिवार के अंत में ईस्टर विजिल नामक धार्मिक सेवा के माध्यम से उत्सव शुरू करते हैं। दूसरे समारोहों में ईस्टर अंडे (ईस्टर एग ) परंपरा शामिल है ,जो प्रजनन और जन्म का प्रतिनिधित्व करती है | एक ईस्टर बनी (easter bunny) होता है जो रविवार की सुबह बच्चों को चॉकलेट और मिठाई वितरित करता है |


अजमेर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ajmervocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.