दुबई: एशिया कप 2025 में क्रिकेट से ज्यादा विवादों की गर्मी देखने को मिल रही है। पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने 'नो हैंडशेक' विवाद को लेकर बड़ा हंगामा किया, जहां उन्होंने मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को हटाने की मांग रखी। इस मांग को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने सख्ती से खारिज कर दिया। मामला इतना बढ़ गया कि पाकिस्तान ने यूएई के खिलाफ मुकाबला खेलने से इनकार कर दिया था।
क्या है नो हैंडशेक विवाद?
इस पूरे विवाद की जड़ पिछला भारत-पाकिस्तान मुकाबला है, जिसमें पाकिस्तान के कप्तान ने मैच के बाद रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट से हाथ नहीं मिलाया था। यह इशारा किसी असहमति या नाराजगी की तरफ देखा गया। बाद में पाकिस्तान ने इस विवाद को बढ़ाते हुए पाइक्रॉफ्ट को अगले मैच से हटाने की मांग रख दी।
मैदान पर उतरने से किया इनकार
पाकिस्तान की टीम UAE के खिलाफ मुकाबले से पहले अंतिम समय तक मैदान पर उतरने से हिचकती रही। टीम का दावा था कि पाइक्रॉफ्ट के रहते खेलना "अनुचित" होगा। ICC ने यह मांग नकारते हुए कहा कि रेफरी की भूमिका पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता। रिपोर्ट्स के अनुसार, जब पाकिस्तान को 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर के जुर्माने की चेतावनी दी गई, तब जाकर टीम मैदान पर उतरी।
मुरली कार्तिक ने उठाए सवाल
पाकिस्तान के इस रवैये पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर मुरली कार्तिक ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। क्रिकबज से बातचीत में उन्होंने कहा, "अगर आप किसी बात पर स्टैंड लेते हैं, तो उसमें टिके रहिए। सिर्फ इसलिए पीछे हटना कि फाइनेंसियल नुकसान हो जाएगा, ये बच्चों जैसी हरकत है।"
उन्होंने आगे कहा, "आजकल के छोटे बच्चे भी ऐसी हरकतें नहीं करते। यह मजाक जैसा लगता है। आप एक मैच को रोककर हजारों दर्शकों को, खिलाड़ियों को, और बच्चों को परेशान कर रहे हैं।"
फैन्स और बच्चों को भी हुई परेशानी
कार्तिक ने पाकिस्तान टीम के इस व्यवहार को गैर-जिम्मेदाराना बताया। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के फैन्स, खासकर बच्चे, जो अपने फेवरेट खिलाड़ियों को खेलते देखना चाहते थे, उन्हें भी देर रात तक जागना पड़ा। जबकि अगला दिन स्कूल का है।"
यह बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है और फैंस के बीच मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखी जा रही हैं।
मुश्किल से मिली जीत
इस विवाद के बाद पाकिस्तान की टीम मैदान पर तो उतरी, लेकिन उनका प्रदर्शन यूएई जैसी कमजोर टीम के खिलाफ भी प्रभावशाली नहीं रहा। मुकाबला जीतने के लिए टीम को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि टीम का ध्यान विवादों पर अधिक और क्रिकेट पर कम रहा, जिसका असर खेल पर साफ दिखा।