शुभमन गिल भारतीय क्रिकेट के सबसे होनहार और चर्चित युवा खिलाड़ियों में गिने जाते हैं। वे तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व करते हैं और कई मौकों पर शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं। लेकिन उनकी यह सफलता यूं ही नहीं आई। हाल ही में एशिया कप 2025 के दौरान गिल ने एक पॉडकास्ट में अपने संघर्षों और बचपन के कुछ ऐसे किस्से साझा किए, जो युवाओं के लिए प्रेरणादायक हैं।
कोच ने अकादमी से निकाल दिया था
Apple Music के साथ बातचीत के दौरान शुभमन गिल ने अपने शुरुआती दिनों के एक चौंकाने वाले अनुभव को साझा किया। उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें क्रिकेट अकादमी से निकाल दिया गया था। गिल ने कहा,
"जिस अकादमी में मैं प्रैक्टिस करता था, वहां मेरे पापा और कोच के बीच कुछ बहस हो गई थी। इसके बाद कोच ने हमें अकादमी से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया।"
यह घटना किसी के भी हौसले को तोड़ सकती थी, लेकिन गिल और उनके पिता ने हार नहीं मानी।
सुबह 3 बजे से शुरू होती थी प्रैक्टिस
गिल के पिता ने उन्हें कभी भी सपने से भटकने नहीं दिया। उन्होंने बताया कि कोच के सुबह 6 से 10 और शाम 4 से 6 तक प्रैक्टिस सेशन होते थे, इसलिए उनके पिता उन्हें सुबह 3 बजे उठा देते थे ताकि वे कोच के आने से पहले प्रैक्टिस कर सकें।
"मैं सुबह 3 बजे उठता था और 3 से 6 तक प्रैक्टिस करता था। फिर स्कूल जाता और उसके बाद दोपहर में 11 से 3 तक फिर से प्रैक्टिस करता था। मैंने सालों तक ऐसा किया।"
यह दिनचर्या किसी सामान्य बच्चे के लिए बेहद कठिन हो सकती है, लेकिन गिल के अंदर छुपी लगन और उनके पिता का समर्थन उन्हें लगातार आगे बढ़ाता रहा।
“खराब यादें नहीं, लेकिन चुनौतीपूर्ण वक्त था”
गिल ने यह भी कहा कि वे उस समय को अपनी ज़िंदगी की "खराब यादों" के रूप में नहीं देखते, बल्कि एक जरूरी संघर्ष मानते हैं जिसने उन्हें मजबूत बनाया।
"कई बार ऐसा भी होता था कि मैं सुबह उठ नहीं पाता था, लेकिन पापा ने कभी मुझे हतोत्साहित नहीं किया। मैं उनका हमेशा आभारी रहूंगा।"
एशिया कप 2025 में गिल का प्रदर्शन
एशिया कप 2025 के पहले मैच में भारत का मुकाबला यूएई से हुआ था। इस मैच में टीम इंडिया को सिर्फ 58 रनों का लक्ष्य मिला था, जिसे टीम ने महज 4.3 ओवर में हासिल कर लिया। शुभमन गिल को इस मैच में ज्यादा बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला, लेकिन उन्होंने 9 गेंदों पर नाबाद 20 रन बनाकर अपनी फॉर्म का संकेत दे दिया। उनके स्ट्राइक रेट और शॉट्स देखकर साफ था कि वे आने वाले मैचों के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
उपकप्तान के तौर पर भूमिका
शुभमन गिल इस टूर्नामेंट में भारत की टी20 टीम के उपकप्तान हैं, जो यह दिखाता है कि टीम मैनेजमेंट को उन पर कितना भरोसा है। एक युवा खिलाड़ी के तौर पर उन्होंने सिर्फ बल्ले से ही नहीं, बल्कि मैदान पर नेतृत्व करके भी अपना कद बढ़ाया है।
निष्कर्ष
शुभमन गिल की कहानी सिर्फ एक क्रिकेटर की सफलता नहीं, बल्कि एक संघर्षशील बेटे और समर्पित पिता की मेहनत की भी दास्तान है। आज जब गिल इंटरनेशनल क्रिकेट में भारत का झंडा बुलंद कर रहे हैं, तो उनके संघर्षों की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो सपने देखता है और उन्हें सच करने के लिए मेहनत करता है। एशिया कप 2025 में उनका अब तक का प्रदर्शन यह संकेत देता है कि आने वाले मैचों में वे और भी बड़े धमाके करने वाले हैं।