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जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में फिल्म द साबरमती रिपोर्ट की स्क्रीनिंग के दौरान हुआ बवाल, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Thursday, December 12, 2024

मुंबई, 12 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' की स्क्रीनिंग के दौरान बवाल हो गया। ABVP ने इस फिल्म की स्क्रीनिंग रखी थी। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक इस दौरान कुछ छात्रों ने पथराव किया। उन्होंने यूनिवर्सिटी में लगाए गए फिल्म के पोस्टर फाड़ दिए। एक छात्र ने मीडिया को बताया कि यह फिल्म एक तरफा कहानी दिखती है। इसमें ये दिखाया गया है कि गोधरा कांड के बाद क्या हुआ, लेकिन ये नहीं दिखाया गया है कि पहले क्या हुआ था, जिसकी वजह से गोधरा जैसा हादसा हुआ। आपको बता दें, ये फिल्म 2002 के गोधरा कांड और उसके बाद हुए गुजरात दंगों पर आधारित है। जिस समय यह घटना हुई, उस वक्त नरेंद्र मोदी गुजरात के CM थे। मोदी पर यह आरोप भी लगे कि उन्होंने दंगों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। हालांकि बाद में उन्हें क्लीन चिट दे दी गई थी।

PM नरेंद्र मोदी ने 2 दिसंबर को फिल्म द साबरमती रिपोर्ट देखी थी। संसद के बालयोगी ऑडिटोरियम में फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई थी। फिल्म देखने गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई मंत्री-सांसद और एक्टर्स भी पहुंचे थे। स्क्रीनिंग के बाद PM मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर फिल्म के मेकर्स की तारीफ की। उन्होंने लिखा, 'द साबरमती रिपोर्ट' की स्क्रीनिंग में साथी एनडीए सांसदों के साथ शामिल हुए। मैं फिल्म के मेकर्स का उनके प्रयासों के लिए सराहना करता हूं।

आपको बता दें, द साबरमती रिपोर्ट को लेकर काफी विवाद हुए। फिल्म के लीड एक्टर विक्रांत मैसी को धमकियां मिली थीं। यहां तक कि उनके 9 महीने के बच्चे के बारे में भी अनाप-शनाप बोला गया। इस बात का खुलासा खुद विक्रांत मैसी ने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में किया था। विक्रांत ने कहा कि गोधरा कांड की आग में कइयों ने रोटियां सेंकी हैं, लेकिन जो मारे गए, वे सिर्फ आंकड़े बनकर रह गए। इसी बीच विक्रांत मैसी ने आज एक फैसला करके सबको चौंका दिया है। उन्होंने फिल्मों से ब्रेक लेने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि 2025 में वे आखिरी बार ऑडियंस से मिलेंगे, जब तक कि समय अनुकूल नहीं हो जाता। विक्रांत के इस फैसले से उनके फैंस के साथ-साथ इंडस्ट्री के लोग भी हैरान हैं। वहीँ, मेकर्स और एक्टर्स की दलील है कि उन्होंने गोधरा कांड की असल सच्चाई फिल्म के जरिए दिखाने की कोशिश की है। उनका कहना है कि गुजरात दंगों पर तो खूब बातें होती हैं, लेकिन उसके पहले हुए गोधरा कांड पर चुप्पी साध ली जाती है। ट्रेलर रिलीज के बाद से ही इसे लेकर तरह-तरह के रिएक्शन आए। एक वर्ग ने फिल्म की तारीफ की तो एक धड़े ने इसे प्रोपेगैंडा भी बताया।


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