मुंबई, 17 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राज्यसभा में संविधान पर चर्चा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'देश में लोकतंत्र की जड़ें पाताल तक गहरी हैं। इसने अनेक तानाशाहों के अहंकार-गुमान को चूर-चूर किया है। जो कहते थे भारत आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं हो पाएंगे, हम आज दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। यह हम सबके लिए गौरव लेने का पल है। संकल्प लेने का पल है। शाह ने कहा, 'संविधान का सम्मान सिर्फ बातों में नहीं, कृति में भी होना चाहिए। इस चुनाव में अजीबोगरीब नजारा देखा। आम सभा में संविधान को लहराया नहीं। संविधान लहराकर, झूठ बोलकर जनादेश लेने का कुत्सित प्रयास कांग्रेस के नेताओं ने किया। संविधान लहराने का विषय नहीं है, संविधान तो विश्वास का विषय है, श्रद्धा का विषय है।'
उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र चुनाव में संविधान बांटे गए। एक पत्रकार के हाथ में आ गया। कोरा था। प्रस्तावना तक नहीं थी। 75 साल के इतिहास में संविधान के नाम पर इतना बड़ा छल हमने नहीं देखा है, न सुना है। हार का कारण ढूंढते हैं, बता दूं कि लोग जान गए कि संविधान की फर्जी कॉपी लेकर घूमते हो तो लोगों ने हरा दिया।' आज मैं जब यहां आया हूं कि आज हम जिस मुकाम पर खड़े हैं, स्वामी विवेकानंद और अरविंद की भविष्यवाणी सत्य होती दिख रही है। हमारा संविधान संविधान सभा की रचना और दुनिया में अनूठे हैं। हमारे यहां दुनिया का सबसे ज्यादा विस्तृत और लिखित संविधान है। इस संविधान सभा में 299 सदस्य 22 जाति धर्म के सदस्य रहे हैं। सभी समाजों के प्रतिनिधित्व के साथ संविधान बनाया गया। दुनिया में शायद ही ऐसा संविधान होगा, जिसका ड्राफ्ट जनता को कमेंट के लिए दिया गया। और कमेंट्स के आधार पर सुधार किया गया। हम सबको अपने संविधान पर गर्व है। जब हम आजाद हुए तब कई लोगों ने भविष्यवाणी की थी कि देश बिखर जाएगा, देश में एकता नहीं हो सकती। देश आर्थिक निर्भर नहीं हो सकता। सरदार पटेल के कारण देश एक होकर खड़ा है।
75 साल हो गए हमारे पड़ोस और दुनिया भर में लोकतंत्र सफल नहीं हुआ। हमारे लोकतंत्र की जड़ें पाताल तक मजबूत हैं। जो कहते थे भारत आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं हो पाएंगे हम आज दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। यह हम सबके लिए गौरव लेने का पल है, संकल्प लेने का पल है।
शाह ने आगे कहा, नंदलाल बोध बहुत बड़े कलाकार थे, चार वर्ष का समय लेकर संविधान को सजाने का काम किया। घटनाओं को संविधन के अनुसार उकेरने का काम किया सभी संदेशों घटनाओं को चित्र के रूप में उकेरा। राम, बुध, गुरु गोविंद सिंह के गुरुकुल का चित्र है। भगवतगीता के संदेश का चित्र दिया। इसमें शिवाजी, रानी लक्ष्मीबाई और नालंदा के चित्र हैं। नटराज का चित्र हमारे समाज के बैलेंस को बताता है। अब कांग्रेस चुनाव हारती है तो EVM को दोष देते हैं। महाराष्ट्र में सूपड़ा साफ हुआ, उसी दिन झारखंड में जीते। महाराष्ट्र में ईवीएम खराब है, झारखंड में नए कपड़े पहनकर शपथ ले ली। एक जगह ईवीएम खराब है, एक जगह सही हो गई ये कैसे हो सकता है। 1975 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा जी का चुनाव रद्द किया था, इंदिरा जी ने संविधान संशोधित किया कि पीएम के सारे केस खारिज होंगे। वन नेशन-वन इलेक्शन के बिल पर लोकसभा में कांग्रेस और उनके साथियों ने हंगामा किया। इन्होंने लोकसभा और विधानसभा का कार्यकाल बढ़ाकर 6 साल किया था| कांग्रेस ने संसद और राज्यसभा में कोरम की आवश्यकता नहीं, ये बिल पास किया राष्ट्रपति शासन की अवधि 6 महीने तक कांग्रेस ने बढ़ाई।
अमित शाह ने कहा कि एक संविधान संशोधन हम लेकर आए। जीएसटी लाकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक सौ अलग-अलग कानूनों को समाप्त कर जनहित का काम किया। नरेंद्र मोदी ने जीएसटी का विरोध किया था, इसलिए किया था कि आप जीएसटी तो लाना चाहते थे, लेकिन राज्यों को कंपन्सेशन की गारंटी देना नहीं चाहते थे। हमने वो भी किया। हम दूसरा संशोधन लेकर आए ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए किया। बीजेपी ने पिछड़ी जातियों के कल्याण के लिए दूसरा संशोधन किया। तीसरा संशोधन गरीबों के कल्याण के लिए लाए कि जिन जातियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है, उनको 10 फीसदी आरक्षण का लाभ देने के लिए किया। पिछड़ी जातियों का पिछड़ापना कोई एक सरकार कर सकती है। फेडरल स्ट्रक्चर की बात करते हैं। नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2021 में संविधान संशोधन कर पिछड़ी जातियों के कल्याण के लिए निर्णय लेने का अधिकार राज्यों को देने का काम किया है, और अंतिम संविधान संशोधन था महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम लाने के लिए. जिस दिन इस सदन में 33 फीसदी नारी शक्ति बैठेगी, संविधान निर्माताओं की कल्पना साकार हो जाएगी। इसके अलावा भी हम कई कानून लेकर आए हैं। वोटबैंक की राजनीति करके मुस्लिम बहनों के साथ इतने साल तक अन्याय करने का काम कांग्रेस ने किया है। हमने तो ट्रिपल तलाक समाप्त कर मुस्लिम माताओं और बहनों को न्याय देने का काम किया है कि आपके भी अधिकार पुरुषों के बराबर हैं। आरिफ मोहम्मद खान मंत्री थे, सांसद थे। फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते थे। उन्होंने कहा कि शाहबानो को मुआवजा देना चाहिए। बिचारे का मंत्री पद भी गया, सांसदी भी गई। नई शिक्षा नीति भी हम लाए हैं और कम्युनिस्ट भी विरोध नहीं कर पाए। शिक्षा नीति आए और कम्युनिस्ट विरोध ना करें, पहली बार ऐसा हुआ है। किसी ने बताया कि आप इतनी अच्छी शिक्षा नीति लाए हो कि विरोध करेंगे तो जनता विरोध कर देगी। मोदी सरकार ने नई भारतीय न्याय संहिता के जरिये देश को गुलामी की मानसिकता से आजाद करने का काम इस सरकार ने किया। कई साल तक बजट शाम को 5.30 बजे रखते थे, क्योंकि अंग्रेज की रानी की घड़ी में तब 11 बजते थे। उसे किसी ने बदला तो वाजपेयी जी ने बदला।