मुंबई, 26 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। लोकसभा में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 17 सांसदों को संसद रत्न पुरस्कार 2025 के लिए चुना गया है। इस सूची में एनसीपी शरद पवार गुट की सुप्रिया सुले, बीजेपी के रवि किशन और निशिकांत दुबे, और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के अरविंद सावंत जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। संसद रत्न पुरस्कार पाने वाले सांसदों में सबसे अधिक संख्या महाराष्ट्र से है, जहां से सात सांसदों को इस सम्मान के लिए चुना गया है। इस बार चार स्पेशल जूरी अवॉर्ड भी दिए गए हैं, जिन्हें लगातार बेहतर प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया है। इनमें बीजेपी के भर्तृहरि महताब, क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के एनके प्रेमचंद्रन, एनसीपी की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीरंग अप्पा बार्ने शामिल हैं। ये सभी 16वीं लोकसभा से लेकर अब तक अपनी सक्रियता और संसदीय कार्यों में गंभीर भागीदारी के लिए पहचाने जाते रहे हैं। इस सूची में बीजेपी की स्मिता उदय वाघ, शिवसेना के नरेश म्हस्के, कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़, बीजेपी की मेधा कुलकर्णी, प्रवीण पटेल, विद्युत बरन महतो और दिलीप सैकिया जैसे अन्य नाम भी शामिल हैं। खास बात यह है कि सांसद एनके प्रेमचंद्रन को यह सम्मान पांचवीं बार मिला है, जो उनकी संसदीय प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
समिति श्रेणी में भी दो समितियों को सम्मानित किया गया है। इनमें भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली वित्त संबंधी स्थायी समिति और कांग्रेस नेता डॉ. चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता वाली कृषि संबंधी स्थायी समिति शामिल हैं। इन समितियों को रिपोर्ट की गुणवत्ता और विधायी निगरानी में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। संसद रत्न पुरस्कार की शुरुआत 2010 में प्राइम पॉइंट फाउंडेशन और डिजिटल मैग्जीन प्रेजेंस ने की थी। इस पुरस्कार की संकल्पना पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने दी थी। पहला समारोह चेन्नई में आयोजित हुआ था। पुरस्कार चयन में सांसदों की बैठकों में भागीदारी, बहस में हिस्सेदारी, पूछे गए सवालों की संख्या और निजी विधेयक लाने जैसी गतिविधियों को आधार बनाया जाता है। इस बार निर्णायक समिति के अध्यक्ष राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) के चेयरमैन हंसराज गंगाराम अहीर थे।