मुंबई, 11 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजस्थान में राष्ट्रीय लोक दल ने पंचायत और निकाय चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाने का निर्णय लिया है। जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित प्रदेश स्तरीय सम्मेलन में पार्टी नेताओं ने स्थानीय स्तर पर संगठन को मजबूत करने और चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा की। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि राजस्थान की जनता हर पांच साल में सत्ता बदलती है लेकिन अब दोनों ही बड़े दलों से उसे अपेक्षित लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में आम आदमी को घी लगी रोटी नहीं मिल रही, इसलिए अब जनता तीसरे विकल्प की तलाश में है।
जयंत चौधरी ने कहा कि आरएलडी अब गांवों और कस्बों में जनसुनवाई केंद्र स्थापित करेगी और युवाओं को पार्टी से जोड़ेगी। उनका मानना है कि अगर कार्यकर्ता ईमानदारी से काम करें तो पार्टी राज्य में मजबूत तीसरा विकल्प बन सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि योजनाएं तो बेहतर हैं लेकिन वंचित वर्ग तक पहुंच नहीं पा रही हैं, ऐसे में आरएलडी उनकी आवाज बनेगी। उन्होंने साफ किया कि पार्टी का उद्देश्य पहले, दूसरे या तीसरे स्थान पर आना नहीं है, बल्कि राजस्थान में अपने राजनीतिक संगठन का विस्तार करना है। जयंत ने कहा कि वे चाहते हैं कि पार्टी के मेहनती कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ने के लिए पूरा समर्थन दिया जाए। उन्होंने राजस्थान के लोगों से अपने पुराने संबंधों की याद दिलाते हुए कहा कि चौधरी चरण सिंह से लेकर उन्हें तक यहां के लोगों का प्यार मिला है और वह राज्य के विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहेंगे।
जयंत चौधरी ने पार्टी के भीतर चल रहे कथित मतभेदों को भी नकारते हुए कहा कि विधायक सुभाष गर्ग और प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह अवाना के बीच कोई टकराव नहीं है। सम्मेलन के दौरान विधायक गर्ग ने अपनी पगड़ी प्रदेश अध्यक्ष को पहनाकर एकता का संदेश दिया। सम्मेलन में कावड़ यात्रा और होटल-रेस्टोरेंट चेकिंग पर भी जयंत चौधरी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सभी सुरक्षित हैं लेकिन होटल और रेस्टोरेंट में चेकिंग जैसी गतिविधियां अनुचित हैं। भाषा विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि बच्चों को कक्षा एक से पांच तक दो स्थानीय भाषाओं को पढ़ाने का प्रावधान है ताकि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें। यह थ्री लैंग्वेज फार्मूले का हिस्सा है जिसमें किसी पर कोई भाषा थोपी नहीं जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह अवाना ने घोषणा की कि आगामी चुनाव पार्टी अपने सिंबल पर लड़ेगी। उन्होंने यह भी मांग की कि राजस्थान विधानसभा परिसर में चौधरी चरण सिंह और डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाई जाए। साथ ही उन्होंने भविष्य में प्रदेश के हर संभाग में एक बड़ी रैली आयोजित करने की योजना का ऐलान भी किया।