मुंबई, 03 जनवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली में आने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार की शुरूआत की। पीएम ने अशोक विहार में जनता को संबोधित करते हुए AAP सरकार पर निशाना साधा। मोदी ने आप सरकार को आपदा सरकार बताया। उन्होंने कहा, बीते 10 साल में दिल्ली एक बड़ी आपदा से घिरी है। अन्ना हजारे जी को सामने करके कुछ कट्टर बेईमान लोगों ने दिल्ली को आपदा में धकेल दिया। शराब ठेकों में घोटाला, बच्चों के स्कूल में घोटाला, गरीबों के इलाज में घोटाला, प्रदूषण से लड़ने के नाम पर घोटाला। दिल्ली वालों ने आपदा के विरुद्ध जंग छेड़ दी है। वोटर आपदा से दिल्ली को मुक्त करने की ठान चुका है। दिल्ली का हर नागरिक कह रहा है, हर बच्चा कह रहा है, हर गली से आवाज आ रही है- आपदा को नहीं सहेंगे, बदलकर रहेंगे।"
पीएम ने कहा, दिल्ली में 500 जन औषधि केंद्र बनाए गए हैं। 80 फीसदी दवाओं पर डिस्काउंट मिलता है। 100 रुपए की दवा 15 रुपए में मिलती है। मुफ्त इलाज की सुविधा देने वाली आयुष्मान योजना का लाभ देना चाहता हूं, लेकिन आपदा सरकार को दिल्ली वालों से दुश्मनी है। आपदा वाले योजना लागू नहीं होने दे रहे हैं। नुकसान दिल्लीवालों को उठाना पड़ रहा है। दिल्ली राजधानी है, बड़े खर्चों वाले बहुत से काम यहां होते हैं वो केंद्र सरकार के जिम्मे है। सड़कें, मेट्रो, अस्पताल, कॉलेज कैंपस सब केंद्र ही बना रही है। लेकिन यहां की आपदा सरकार के पास ब्रेक लगी हुई है। मैंने लोगों से पूछा छठ पूजा कैसी रही? बोले कि साहब यमुनाजी की ऐसी हालत है कि हमने जैसे तैसे पूजा कर ली मोहल्ले में मां यमुना से क्षमा मांग ली। बेशर्मी देखिए, इन लोगों को लाज शर्म नहीं आती है।
उन्होंने आगे कहा, बच्चों से मिला, लाभार्थियों से मिला। उनके सपने स्वाभिमान अपार्टमेंट से भी ऊंचे थे। ये सभी मेरे परिवार के सदस्य हैं। देश जानता है कि मोदी ने कभी अपने लिए घर ,नहीं बनाया। लेकिन बीते वर्षों में 4 करोड़ से ज्यादा गरीबों के घरों का सपना पूरा किया है। मैं भी कोई शीश महल बना सकता था। मेरे देशवासियों को पक्का घर मिले, मेरा यह सपना था। आप जब भी लोगों के बीच जाएं, उनसे मिलें और अभी भी जो लोग झुग्गी में रहते हैं, मेरी तरफ से उन्हें वादा करके आना। मेरे लिए आप ही मोदी हैं। आज नहीं तो कल उनके लिए पक्का घर बनेगा मिलेगा। आज जिन परियोजना का लोकार्पण हुआ, उनके गरीबों के लिए घर, स्कूल-कॉलेज के प्रोजेक्ट हैं। उन साथियों को, उन माताओं-बहनों को बधाई देता हूं, जिनकी अब नई जिंदगी एक तरह से शुरू हो रही है। झुग्गी की जगह पक्का घर, किराए के घर की जगह अपना घर मिल रहा है। ये नई शुरुआत ही तो है। पुरानी यादें यहां पर ताजा हो रही हैं। जब आपातकाल का समय था, इंदिरागांधी की तानाशाही के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे, उस समय मेरे जैसे बहुत साथी अंडरग्राउंड मोमेंट का हिस्सा थे। उस वक्त अशोक विहार मेरे रहने का स्थान हुआ करता था। साथियों आज पूरा देश विकसित भारत के निर्माण में जुटा है।
पीएम ने कहा, इस भारत में देश के हर नागरिक के पास पक्की छत हो, अच्छे घर हों, ये संकल्प लेकर हम काम कर रहे हैं। इस संकल्प की सिद्धि में दिल्ली का बड़ा रोल है। भाजपा की केंद्र सरकार ने झुग्गियों की जगह पक्का घर बनाने का अभियान शुरू किया है। 2 साल पहले भी मुझे कालका जी एक्सटेंशन में झुग्गियों में रहने वाले लोगों के लिए 3 हजार से ज्यादा घरों के शुभारंभ का अवसर मिला था। वो परिवार, जिनकी पीढ़ियां सिर्फ झुग्गियों में ही रहीं। जिनके सामने उम्मीद नहीं थीं, वे पहली बार पक्के घरों में पहुंच रहे हैं। तब मैंने कहा था, ये अभी शुरुआत है। आज यहां और डेढ़ हजार घरों की चाभी लोगों की दी गई है। ये स्वाभिमान अपार्टमेंट गरीबों के स्वाभिमान को उनकी गरिमा को बढ़ाने वाले हैं। साल 2025 भारत के विकास के लिए अनेक नई संभावना लेकर आ रहा है। दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनने की तरफ हमारी आशा इस वर्ष और तेज होने वाली है। आज भारत दुनिया में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता का प्रतीक बना है। साल 2025 में भारत की यह भूमिका और सशक्त होगी। यह वर्ष विश्व में भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को और सशक्त करने का वर्ष होगा। ये वर्ष भारत को दुनिया का बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का वर्ष होगा।
मोदी ने आगे कहा, हमें सिर्फ बच्चों को पढ़ाना नहीं है। बल्कि वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के लिए नई पीढ़ी को तैयार भी करना है। नई नेशनल एजुकेशनल पॉलिसी में इसका ध्यान रखा गया है। गरीब का बच्चा हो, मध्यम परिवार की संतान हो, उनको नए अवसर देने वाली नीति पर हम चल रहे हैं। गरीब परिवारों के बच्चों के सपने डॉक्टर और वकील बनाने का होता है। अंग्रेजी स्कूल में पढ़ा पाना इन परिवारों के लिए आसान नहीं। मध्यम-गरीब वर्ग परिवार के बच्चे अंग्रेजी के अभाव में डॉक्टर-इंजीनियर न बन पाएं। आपके सेवक ने काम किया है, ये बच्चे अपनी मातृभाषा में पढ़कर डॉक्टर और इंजीनियर भी बन सकता है। बड़ी से बड़ी अदालत में मुकदमा लड़ सकता है।"