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मुर्शिदाबाद हिंसा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने किया मुआवजे का ऐलान, कहा - शांति लौट आई, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Monday, May 5, 2025

मुंबई, 05 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के 25 दिन बाद अब वहां पहुंची। उन्होंने कहा कि यहां अब हालात पूरी तरह सामान्य हो चुके हैं। CM ने हिंसा प्रभावित लोगों को मुआवजा देने का ऐलान किया। ममता बनर्जी ने कहा, मुझे राज्यपाल की रिपोर्ट की कोई जानकारी नहीं है। राज्यपाल की तबीयत ठीक नहीं है, हम ईश्वर से उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। साथ ही, ममता बनर्जी ने दावा किया कि मुर्शिदाबाद हिंसा पूरी तरह से प्लांड थी और इसके पीछे साजिश है। यह भी कहा कि जो लोग दंगे भड़काते हैं, उन्हें बंगाल कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। बीएसएफ पर भी सवाल उठाते हुए कहा, अगर फायरिंग नहीं होती, तो अगले दिन हिंसा नहीं भड़कती। ममता ने बताया कि वह आज ही बहरमपुर में जिला स्तरीय समीक्षा बैठक करेंगी। कल धुलियन जाएंगी।यहां हिंसा से प्रभावित लोगों को मुआवजा देंगी, जिनके घर और दुकानें जला दी गई थीं।

पश्चिम बंगाल के गवर्नर सी. वी. आनंद बोस ने बीते दिन मुर्शिदाबाद दंगे पर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी। इसमें कट्टरपंथ और उग्रवाद को पश्चिम बंगाल के लिए बड़ा खतरा बताया गया। गवर्नर ने कहा कि बंगाल को दोहरा खतरा है, जो खास तौर पर बांग्लादेश से सटे मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में ज्यादा है, क्योंकि यहां हिंदू आबादी अल्पसंख्यक हैं। उन्होंने नॉर्थ दिनाजपुर को भी संवेदनशील जिला बताया। साथ ही उन्होंने रिपोर्ट में कई सुझाव भी दिए, बांग्लादेश से सटे सीमावर्ती जिलों में सेंट्रल फोर्सेस की चौकियां बनाई जाएं, हिंसा की जांच के लिए एक आयोग गठित हो, केंद्र सरकार ‘संवैधानिक विकल्पों’ पर विचार करे, ताकि राज्य में कानून व्यवस्था बनी रहे, हालात बिगड़ने पर आर्टिकल 356 (राष्ट्रपति शासन) को विकल्प बताया। हालांकि उन्होंने साफ किया कि अभी इसकी जरूरत नहीं है। वहीं, बंगाल गवर्नर ने दावा किया कि मुर्शिदाबाद हिंसा पहले से ही प्लान की गई थी। राज्य सरकार को पहले से खतरे का अंदेशा था क्योंकि 8 अप्रैल को वक्फ (अमेंडमेंट) एक्ट जारी होने के तुरंत बाद हिंसा भड़क गई और राज्य सरकार ने उसी दिन इंटरनेट बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में कोऑर्डिनेशन की बड़ी कमी दिखी। इसी वजह से केंद्र को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवैधानिक विकल्प तलाशने की सिफारिश की है।

आपको बता दें, पश्चिम बंगाल पुलिस की SIT ने हिंसा मामले में 21 अप्रैल को ओडिशा के झारसुगुड़ा से 16 लोगों को गिरफ्तार किया। ये सभी झारसुगुड़ा जाकर छिपे थे। पश्चिम बंगाल पुलिस STF और SIT ने मिलकर जॉइंट ऑपरेशन चलाया। अधिकारियों ने CCTV फुटेज और मोबाइल टावर रिकॉर्ड बरामद किए। इनसे क्राइम सीन पर इनकी मौजूदगी की बात कन्फर्म हुई। इसके अलावा हिंसा में मारे गए हरगोबिंदो दास और चंदन दास की हत्या मामले में पुलिस ने कालू नादर, दिलदार, इंजमाम उल हक को मुराराई और जियाउल शेख को अरेस्ट किया है। पुलिस ने बताया कि मुर्शिदाबाद हिंसा से जुड़ी 100 से ज्यादा FIR दर्ज की गई हैं। इसमें अब तक 276 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने हिंसा का मास्टरमाइंड जियाउल हक समेत उसके दोनों बेटों सफाउल हक और बानी इसराइल को गिरफ्तार किया है। इन पर हिंसा भड़काने का आरोप है।


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