इंडोनेशिया, जापान और अन्य ज्वालामुखीय देशों में अक्सर ज्वालामुखी फटने की खबरें आती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में भी एक ज्वालामुखी है जो इस समय सक्रिय स्थिति में है? यह ज्वालामुखी बैरन द्वीप पर स्थित है, जो अंडमान सागर में पोर्ट ब्लेयर से लगभग 138 किलोमीटर की दूरी पर है। यह भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है और हाल ही में इसके फटने की चेतावनी भी जारी की गई है।
इस चेतावनी ने न केवल भारत को, बल्कि थाईलैंड और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों को भी अलर्ट कर दिया है। जाने-माने समुद्री पारिस्थितिकीविद् थॉन थमरोंगनावासवत ने चेतावनी दी है कि अंडमान सागर के नीचे भूकंपीय गतिविधियां तेज़ हो रही हैं, जो ज्वालामुखी विस्फोट का कारण बन सकती हैं।
क्या है बैरन द्वीप ज्वालामुखी?
बैरन द्वीप ज्वालामुखी भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित है। यह देश का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है, जो इंडो-ऑस्ट्रेलियन और बर्मा टेक्टोनिक प्लेट्स के मिलन बिंदु पर स्थित है। यह स्थान भूकंपीय दृष्टिकोण से अत्यंत संवेदनशील है और यहां की धरती की हलचलें अकसर चेतावनी का संकेत देती हैं।
इस ज्वालामुखी का पिछला विस्फोट वर्ष 2022 में हुआ था, लेकिन उसका प्रभाव सीमित रहा। इसके पहले भी यह कई बार फट चुका है, और अब वैज्ञानिक मानते हैं कि इसमें फिर से विस्फोट हो सकता है।
थाईलैंड और म्यांमार में भूकंप के बाद रिसर्च
हाल ही में थाईलैंड और म्यांमार में आए भूकंप के बाद वैज्ञानिकों ने रिसर्च की, जिसमें यह सामने आया कि अंडमान सागर के नीचे स्थित ज्वालामुखी में तीव्र भूगर्भीय हलचलें हो रही हैं। थॉन थमरोंगनावासवत ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से यह चेतावनी दी कि इस क्षेत्र में विस्फोट कभी भी हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप भूकंप, सुनामी, और समुद्र में ऊंची लहरें उठ सकती हैं।
उन्होंने बताया कि थाईलैंड की खाड़ी तक इसका असर मामूली हो सकता है, लेकिन भारत और इंडोनेशिया को इससे बड़ा खतरा है। विशेष रूप से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सुनामी की चपेट में आ सकते हैं।
खतरे के संकेत और तैयारियां
वैज्ञानिकों का कहना है कि ज्वालामुखी के आस-पास रिक्टर स्केल पर 4 तीव्रता के भूकंप लगातार दर्ज हो रहे हैं। इससे संकेत मिलता है कि अंदर लावा सक्रिय हो रहा है। हालांकि, कोई भी वैज्ञानिक निश्चित रूप से यह नहीं कह सकता कि विस्फोट कब और कैसे होगा। फिर भी, यह चेतावनी सतर्कता बरतने के लिए काफी है।
साल 2022 में हुंगा टोंगा-हंगा हापाई नामक ज्वालामुखी के फटने से 20 मीटर ऊंची लहरें उठी थीं, जिससे समुद्र में तबाही मच गई थी। बैरन द्वीप का ज्वालामुखी भी समुद्र के अंदर स्थित है और इससे भी ऐसी ही सुनामी उत्पन्न हो सकती है।
सरकार और जनता के लिए सुझाव
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NDMA (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) और IMD को सक्रिय रूप से निगरानी रखनी चाहिए।
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अंडमान क्षेत्र में समुद्र तटों और द्वीपों पर अलर्ट जारी किया जाना चाहिए।
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लोगों को झूठी अफवाहों से बचते हुए आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करना चाहिए।
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स्थानीय प्रशासन को राहत और बचाव की योजनाएं पहले से तैयार रखनी चाहिए।
निष्कर्ष
बैरन द्वीप का यह ज्वालामुखी अभी फटा नहीं है, लेकिन प्राकृतिक आपदा की चेतावनी को नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है। अतीत के अनुभव बताते हैं कि जब प्रकृति चेतावनी देती है, तो तैयार रहना ही सबसे बुद्धिमानी होती है। जैसे जापान में सुनामी की चेतावनियों के बावजूद घटनाएं टल जाती हैं, वैसे ही भारत में भी यह विस्फोट शायद न हो — लेकिन अगर हुआ, तो उसका असर व्यापक हो सकता है।
इसलिए हमें घबराना नहीं चाहिए, बल्कि जानकारी से सजग और तैयारी से सुरक्षित रहना चाहिए