दुनिया भर में अपनी दयालुता और मानवता भरे फैसलों के लिए मशहूर अमेरिकी जज फ्रैंक कैप्रियो अब हमारे बीच नहीं रहे। 88 साल की उम्र में उन्होंने अमेरिका के रोड आइलैंड स्थित एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे पिछले डेढ़ साल से पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे और पिछले कुछ सप्ताहों से अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन की खबर से दुनियाभर में उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है।
आखिरी वीडियो में कहा- "शायद अगला वीडियो न बना पाऊं"
अपने आखिरी दिनों में, अस्पताल के बेड से उन्होंने एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया था, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। उस वीडियो में फ्रैंक कैप्रियो ने कहा:
“पिछले साल मैंने आप सभी से दुआओं की अपील की थी। यकीन है कि आपने मेरी सलामती के लिए दुआ की होगी। इस बार मैं फिर अस्पताल में हूं और उम्मीदें बहुत कम हैं। शायद यह मेरा आखिरी वीडियो हो। बस इतना कहूंगा कि मुझे अपनी दुआओं में याद रखना और अलविदा मेरे दोस्तो।”
उनके इस भावुक संदेश ने लाखों लोगों की आंखें नम कर दीं। वीडियो पर लगातार श्रद्धांजलि और भावनात्मक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
एक गरीब घर से दयालु जज बनने का सफर
फ्रैंक कैप्रियो का जन्म एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था। वे इतालवी मूल से थे। उनके पिता फल-सब्जी और दूध बेचकर परिवार का पेट पालते थे। बचपन से ही उन्होंने संघर्षों का सामना किया। पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए वे बर्तन धोते थे, जूते पॉलिश करते थे और अखबार बांटते थे। दिन में मेहनत करते और रात में पढ़ाई करते हुए उन्होंने लॉ की डिग्री हासिल की।
1985 में उन्होंने अपने वकालत करियर की शुरुआत की और बाद में रोड आइलैंड की प्रोविडेंस म्यूनिसिपल कोर्ट में जज बने। इस कोर्ट में उन्होंने लगातार 38 साल तक न्याय का काम संभाला।
फैसलों में झलकती थी इंसानियत
फ्रैंक कैप्रियो को दुनिया भर में उनके फैसलों के लिए जाना जाता था, जिनमें वह कानून के साथ-साथ इंसानियत को भी तरजीह देते थे। उनके अदालत में दिए गए कई फैसले सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिसमें उन्होंने गरीबों, बच्चों, और बुजुर्गों की हालत समझते हुए दयालुता और समझदारी से न्याय किया।
उनका प्रसिद्ध शो "Caught in Providence" दुनियाभर में लोकप्रिय हुआ, जहां आम लोगों के छोटे-मोटे केस में वे बेहद मानवीय और संवेदनशील रवैया अपनाते थे।
एक प्रेरणा बनकर गए
उनका जीवन इस बात की मिसाल है कि संघर्ष, ईमानदारी और करुणा से कोई भी इंसान महान बन सकता है। जिस व्यक्ति ने बर्तन धोकर और जूते पॉलिश कर पढ़ाई की, वही दुनिया के सबसे प्यारे जजों में गिना जाने लगा। फ्रैंक कैप्रियो केवल एक जज नहीं थे, बल्कि न्याय की एक नई परिभाषा थे।
अंतिम शब्द
फ्रैंक कैप्रियो भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका जीवन और उनके फैसले हमेशा प्रेरणा बनकर याद किए जाएंगे। उन्होंने सिखाया कि न्याय में दिल होना भी जरूरी है। सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों की संख्या लाखों में पहुंच गई है। सच में, दुनिया ने एक दयालु आत्मा और सच्चे न्यायप्रिय व्यक्ति को खो दिया है।