भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव और संघर्ष के बीच, सोमवार, 12 मई 2025 को दोपहर 12 बजे, दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) स्तर की वार्ता आयोजित की जाएगी। यह बैठक भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और पाकिस्तान सेना के समकक्ष अधिकारी के बीच होगी। इस वार्ता का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सीजफायर समझौते की स्थिति की समीक्षा करना और सीमा पर शांति बनाए रखने के उपायों पर चर्चा करना है।
तनावपूर्ण पृष्ठभूमि
यह वार्ता पाकिस्तान के कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद शुरू हुए सैन्य संघर्ष के बाद आयोजित की जा रही है। इस हमले में 27 लोग मारे गए थे, जिनमें 25 भारतीय पर्यटक शामिल थे। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों को जिम्मेदार ठहराया, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों का खंडन किया। इसके बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर गोलीबारी और हवाई हमलों का सिलसिला शुरू हो गया, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।Wikipedia
ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर
भारत ने 6 मई को "ऑपरेशन सिंदूर" शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के विभिन्न ठिकानों पर मिसाइल हमले किए गए। इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों के कई उच्च-स्तरीय कमांडरों को निशाना बनाया गया। भारत के अनुसार, इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारतीय विमानों को निशाना बनाने का दावा किया और कुछ भारतीय विमानों को गिराने की बात की। हालांकि, दोनों पक्षों के दावों की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है।
इन घटनाओं के बाद, 10 मई को अमेरिकी मध्यस्थता से दोनों देशों के बीच एक अस्थायी सीजफायर समझौता हुआ। हालांकि, इस समझौते के तुरंत बाद ही दोनों देशों ने एक-दूसरे पर सीजफायर उल्लंघन का आरोप लगाया। भारत ने पाकिस्तान पर जम्मू-कश्मीर में गोलीबारी करने का आरोप लगाया, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों का खंडन किया। इस स्थिति को देखते हुए, DGMO स्तर की वार्ता की आवश्यकता महसूस की गई।
वार्ता के संभावित मुद्दे
रक्षा विशेषज्ञ संजीव श्रीवास्तव के अनुसार, इस वार्ता में मुख्य रूप से निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी:
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सीजफायर समझौते की समीक्षा: दोनों पक्षों के बीच हुए सीजफायर समझौते की स्थिति की समीक्षा की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोनों पक्ष इसे पूरी तरह से लागू करें।
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सीमा पर शांति बनाए रखने के उपाय: सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए दोनों पक्षों द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की जाएगी।
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भविष्य में संघर्ष की रोकथाम: भविष्य में सीमा पर संघर्ष की स्थिति से बचने के लिए दोनों पक्षों के बीच संवाद और विश्वास निर्माण के उपायों पर विचार किया जाएगा।
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पाकिस्तान द्वारा सीजफायर उल्लंघन: भारत ने पाकिस्तान पर सीजफायर उल्लंघन का आरोप लगाया है, जिसे पाकिस्तान ने नकारा है। इस मुद्दे पर भी वार्ता में चर्चा की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका ने दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के नेताओं से शांति बनाए रखने की अपील की है। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि वह द्विपक्षीय मुद्दों पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को सीधे और बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के सुधारने की दिशा में काम करना चाहता है।
निष्कर्ष
भारत और पाकिस्तान के बीच DGMO स्तर की वार्ता दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है। यह वार्ता सीमा पर शांति बनाए रखने और भविष्य में संघर्ष की स्थिति से बचने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। हालांकि, दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी और पिछले अनुभवों को देखते हुए, इस वार्ता से कोई स्थायी समाधान निकलना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। फिर भी, यह वार्ता दोनों देशों के बीच संवाद और विश्वास निर्माण की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास मानी जा सकती है।
इस वार्ता के परिणामों का भारतीय और पाकिस्तान दोनों के नागरिकों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। यदि यह वार्ता सफल होती है, तो यह दोनों देशों के बीच शांति और सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। वहीं, यदि यह वार्ता विफल होती है, तो यह दोनों देशों के बीच तनाव और संघर्ष की स्थिति को और बढ़ा सकती है। इसलिए, दोनों देशों के लिए यह आवश्यक है कि वे इस वार्ता को सकारात्मक दिशा में ले जाएं और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाएं।