जम्मू-कश्मीर: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा शुरू किया गया 'ऑपरेशन सिंदूर' अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। ताजा जानकारी के अनुसार, सेना ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में 3 से 4 आतंकियों को घेर लिया है। सिंहपोरा और चटरू इलाकों में चल रही इस मुठभेड़ में फिलहाल दोनों ओर से गोलीबारी जारी है। सूत्रों के अनुसार यह आतंकी वही हैं जो हाल ही में घाटी में आतंकी गतिविधियों में सक्रिय थे।
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत: पहलगाम हमले के बाद सेना का जवाब
कुछ हफ्ते पहले हुए पहलगाम आतंकी हमले में सेना के जवानों पर घातक हमला किया गया था, जिसमें कई जवान शहीद हुए थे। इस घटना के बाद सेना ने पूरे कश्मीर में ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। इस ऑपरेशन के अंतर्गत घाटी में सक्रिय आतंकियों की पहचान, उनकी लोकेशन का पता लगाना और उन्हें खत्म करना शामिल है।
सेना ने शुरुआती जांच और खुफिया रिपोर्टों के आधार पर 14 आतंकियों की एक सूची तैयार की थी, जो पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठनों के सीधे संपर्क में थे। अब तक सेना इनमें से 6 आतंकियों को ढेर कर चुकी है।
किश्तवाड़ में घेराबंदी, सेना का टारगेटेड एक्शन
सेना द्वारा की गई घेराबंदी जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के सिंहपोरा और चटरू इलाकों में की गई है, जो काफी घने और पहाड़ी क्षेत्र हैं। यह इलाके पहले भी आतंकियों के छिपने की सुरक्षित जगह रहे हैं। सेना को सूचना मिली थी कि कुछ आतंकी पहलगाम हमले के बाद यहां शरण ले चुके हैं।
माना जा रहा है कि यह आतंकवादी किसी बड़े हमले की योजना बना रहे थे, जिसे समय रहते सेना ने विफल कर दिया। सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ अभी भी जारी है और जल्द ही स्थिति स्पष्ट होने की संभावना है।
आतंकी हैंडलर्स की संपत्तियों पर बड़ी कार्रवाई
सिर्फ ऑपरेशन सिंदूर तक ही सीमित न रहते हुए, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी आतंकियों और उनके हैंडलर्स के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। 20 मई को पुलिस ने पाकिस्तान में बैठे 4 आतंकी हैंडलर्स की संपत्तियां जब्त कीं।
यह कार्रवाई बारामूला जिले के सोपोर और पुलवामा जिले के अवंतीपोरा में की गई। पुलिस ने बताया कि सोपोर में तीन आतंकियों – अर्शिद अहमद टेली, फिरदौस अहमद डार और नजीर अहमद डार की संपत्ति जब्त की गई है, जबकि अवंतीपोरा में एक अन्य आतंकी की संपत्ति को जब्त किया गया।
यह संपत्तियां स्थानीय कानून के तहत जब्त की गईं और इस कदम से आतंकियों के नेटवर्क को आर्थिक रूप से भी कमजोर करने का प्रयास किया गया।
पहले भी हो चुके हैं सफल ऑपरेशन
इससे पहले सेना ने केलार, शोपियां और त्राल क्षेत्रों में दो अलग-अलग ऑपरेशन चलाकर 6 आतंकियों को मार गिराया था। सेना की इस कार्यवाही के बाद घाटी में आतंकियों में भय का माहौल बना है।
कश्मीर के आईजीपी ने बताया कि इन ऑपरेशनों से पहले एक उच्चस्तरीय मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें सेना, सीआरपीएफ और अन्य खुफिया एजेंसियों ने आतंकी गतिविधियों पर रणनीति तैयार की। इसी के आधार पर ऑपरेशन सिंदूर को व्यापक रूप में आगे बढ़ाया गया।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत मिसाइल हमले, आतंकी ठिकानों का सफाया
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ घाटी तक ही सीमित नहीं रहा। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों को भी निशाना बनाया। सेना ने मिसाइल हमलों के जरिए जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के मुख्यालय तबाह कर दिए।
इन हमलों में 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराने की पुष्टि की गई है। साथ ही, कंधार हाईजैक कांड और पुलवामा हमले में शामिल कई खूंखार आतंकियों को भी मार गिराया गया है।
निष्कर्ष: आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना का ऐसा जवाबी हमला है जिसने न केवल घाटी में सक्रिय आतंकियों को खत्म किया, बल्कि पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स को भी स्पष्ट संदेश दिया है। किश्तवाड़ में चल रही ताजा मुठभेड़ इस बात का संकेत है कि आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई अब और अधिक सटीक, आक्रामक और व्यापक होती जा रही है।
अब देखना यह होगा कि किश्तवाड़ में घिरे आतंकियों का अंत कब और कैसे होता है। लेकिन इतना तय है कि भारतीय सेना की यह कार्रवाई आने वाले समय में घाटी में शांति स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।