शुक्रवार, 19 दिसंबर 2025 का दिन ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (Ola Electric Mobility) के निवेशकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया। लंबे समय से बिकवाली के दबाव और अनिश्चितता का सामना कर रहे कंपनी के शेयरों में अचानक जोरदार उछाल देखा गया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर कंपनी का शेयर 10% के अपर सर्किट को छूते हुए ₹34.40 पर पहुंच गया। यह तेजी उस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बाद आई जिसने बाजार में फैली चिंताओं को काफी हद तक शांत कर दिया है।
भाविश अग्रवाल ने चुकाया कर्ज: गिरवी शेयर हुए मुक्त
इस उछाल की मुख्य वजह कंपनी के संस्थापक और प्रमोटर भाविश अग्रवाल द्वारा लिया गया एक बड़ा वित्तीय फैसला है। कंपनी ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि भाविश अग्रवाल ने अपने निजी शेयरों का एक हिस्सा बेचकर ₹260 करोड़ का व्यक्तिगत कर्ज पूरी तरह चुका दिया है।
इस कर्ज के भुगतान के साथ ही:
-
प्रमोटर द्वारा पहले गिरवी रखे गए 3.93% शेयर अब पूरी तरह रिलीज (मुक्त) हो गए हैं।
-
अब प्रमोटर ग्रुप के पास ओला इलेक्ट्रिक में 34.6% हिस्सेदारी सुरक्षित है, जिसमें से कोई भी शेयर गिरवी नहीं है।
-
गिरवी शेयरों से जुड़ा 'मार्जिन कॉल' या अचानक बिकवाली का जोखिम अब खत्म हो गया है।
गिरावट के बाद निवेशकों की वापसी
पिछले कुछ दिनों से ओला इलेक्ट्रिक का प्रदर्शन बाजार में काफी चिंताजनक था। पिछले तीन सत्रों में शेयर 17% तक टूट गया था और ₹30.76 के अपने रिकॉर्ड निचले स्तर (Record Low) पर पहुंच गया था। जब भाविश अग्रवाल ने लगातार तीन दिनों में लगभग ₹324 करोड़ के शेयर बेचे, तो निवेशकों के मन में यह डर बैठ गया था कि प्रमोटर शायद कंपनी से बाहर निकल रहे हैं।
हालांकि, कंपनी के ताजा स्पष्टीकरण ने इस डर को दूर कर दिया है। कंपनी ने साफ किया कि:
-
यह शेयर बिक्री केवल व्यक्तिगत कर्ज चुकाने के लिए एक बार की प्रक्रिया (One-time process) थी।
-
इसका कंपनी के मैनेजमेंट, बिजनेस ऑपरेशन्स या भविष्य की रणनीति पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
-
प्रमोटर का कंपनी के विजन पर पूरा भरोसा बरकरार है।
EV सेक्टर की चुनौतियां और ओला का रुख
भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाजार वर्तमान में एक कठिन दौर से गुजर रहा है। सब्सिडी में बदलाव, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और मांग में आई सुस्ती ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। साथ ही, सॉफ्टबैंक (SoftBank) जैसे बड़े निवेशकों की हिस्सेदारी कम होने से भी सेंटीमेंट कमजोर हुआ था। ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में गिरवी शेयरों का मुक्त होना 'कॉर्पोरेट गवर्नेंस' के लिहाज से एक बहुत ही सकारात्मक संदेश है।
निष्कर्ष: आगे की राह
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रमोटर का कर्ज मुक्त होना कंपनी के लिए एक 'क्लीन स्लेट' जैसा है। अब निवेशकों का ध्यान कंपनी की अगली तिमाही के नतीजों, सर्विस क्वालिटी में सुधार और नए मॉडल की लॉन्चिंग पर होगा। ₹34.40 के स्तर पर अपर सर्किट लगना यह दर्शाता है कि बाजार ने भाविश अग्रवाल के इस कदम का स्वागत किया है।