भारतीय स्टॉक मार्केट ने आज के ट्रेडिंग सेशन की शुरुआत कमजोर रुख के साथ की। प्रमुख सूचकांक BSE Sensex और NSE Nifty, दोनों ही लाल निशान में खुले। यह गिरावट ऐसे समय पर आई है जब अमेरिका ने भारतीय आयात पर 25% का अतिरिक्त रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इस फैसले का सीधा असर बाजार की शुरुआत पर दिखाई दिया और निवेशकों के बीच अनिश्चितता का माहौल बन गया।
ओपनिंग आंकड़े
बीएसई सेंसेक्स ने आज 80,754.66 अंक पर कारोबार की शुरुआत की, जो कि पिछले सत्र से 31.88 अंक या 0.04% की गिरावट को दर्शाता है। वहीं, निफ्टी 50 ने 24,695.80 अंक पर शुरुआत की, जो 16.25 अंक या 0.07% की कमजोरी के साथ रही। यह गिरावट अपेक्षाकृत मामूली दिख सकती है, लेकिन बाजार की सेंटिमेंट पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा है।
विशेषज्ञों की राय
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से निवेशकों का भरोसा प्रभावित हुआ है। वरिष्ठ मार्केट विश्लेषक अजय बग्गा के अनुसार, आज मासिक डेरिवेटिव एक्सपायरी और टैरिफ लागू होने का दिन होने के कारण बाजार में निगेटिव सेंटिमेंट बना हुआ है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि बीते 12 महीनों में भारतीय बाजार ने अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन किया है, लेकिन अब यह सुधार की ओर अग्रसर हो सकते हैं। यह सुधार संभवतः 4 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक या किसी अन्य महत्वपूर्ण सरकारी घोषणा के बाद शुरू हो सकता है।
सेक्टोरल परफॉर्मेंस
आज के कारोबारी दिन में 16 में से 14 प्रमुख सेक्टर्स में गिरावट दर्ज की गई। सबसे ज्यादा असर मेटल, ऑटो और फार्मा सेक्टर पर देखा गया, जिन्हें अमेरिकी टैरिफ का सीधा झटका लगा है। इसके अलावा, बैंकिंग और IT सेक्टर में भी हल्की गिरावट दर्ज की गई। स्मॉल-कैप और मिड-कैप स्टॉक्स में भी दबाव बना रहा, जहां स्मॉल-कैप इंडेक्स 0.2% और मिड-कैप इंडेक्स 0.1% नीचे रहे।
व्यापक बाजार की स्थिति
बाजार में चौतरफा दबाव रहा। विदेशी निवेशकों द्वारा की गई बिकवाली और अमेरिकी व्यापार नीतियों की अनिश्चितता ने घरेलू बाजार को प्रभावित किया। इसके अलावा, डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी और तेल की बढ़ती कीमतों ने भी बाजार की धारणा को नकारात्मक बनाए रखा।
आगे की राह
हालांकि बाजार में मौजूदा गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ाई है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह एक अस्थायी दबाव हो सकता है। आने वाले दिनों में सरकारी नीतियों में सुधार और वैश्विक संकेतों में स्थिरता के साथ भारतीय बाजार एक बार फिर मजबूती दिखा सकते हैं। निवेशकों को फिलहाल सतर्कता के साथ कदम उठाने की सलाह दी जा रही है।
निष्कर्ष: अमेरिकी टैरिफ के फैसले के बाद भारतीय शेयर बाजार ने कमजोर शुरुआत की है। हालांकि, बाजार विशेषज्ञ इसे अस्थायी झटका मान रहे हैं और आने वाले समय में सुधार की उम्मीद जता रहे हैं। निवेशकों को मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच धैर्य बनाए रखने की सलाह दी जा रही है।