ताजा खबर

Movie Review - बच्चन पांडे



बॉक्स ऑफिस पर नहीं चला बच्चन पांडे का जादू


Posted On:Tuesday, April 19, 2022


होली के मौके पर अक्षय कुमार की ‘बच्चन पांडे’ सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई है. ‘बच्चन पांडे’ 2014 में आई तमिल फिल्म ‘जिगरठंडा’ की हिंदी रीमेक है. उस फिल्म में असॉल्ट सेतु नाम के गैंगस्टर का रोल करने वाले बॉबी सिम्हा को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था. इस फिल्म में अक्षय कुमार ने वही वाला रोल किया है. 

क्या है कहानी? 

कहानी यूं तो गैंगस्टर बच्चन पांडे यान‍ि अक्षय कुमार की है पर उसे सामने लाने की जिम्मेदारी उठाई है मायरा ने यान‍ि कृत‍ि सेनन ने. बच्चन पांडे की कहानी को पर्दे पर उतारने के लिए मायरा को जरूरत पड़ती है अपने दोस्त व‍िशु यान‍ि अरशद वारसी की.  

बच्चन पांडे एक गैंगस्टर है जिससे दूसरे गुंडे भी डरते हैं. वह लोगों को बस इसल‍िए मारता है क्योंक‍ि उसे मजा आता है. एक पत्रकार को उसने बस इसल‍िए जला दिया क्योंक‍ि उसने अपने लेख में बच्चन पांडे की तस्वीर के बजाय उनका कार्टून बना दिया था. बच्चन पांडे सामने वाले पर गोली चलाने से पहले एक सेकेंड के लिए भी नहीं सोचता है. वह जानवर टाइप खूंखार है. ऐसे गैंगस्टर पर बायोप‍िक बनाना चाहती है मायरा.

मायरा डायरेक्शन के क्षेत्र में नाम बनाना चाहती है, जिसके लिए वो बच्चन पांडे की बायोप‍िक बनाना का फैसला करती है. वो बच्चन पांडे के शहर या कहें सेमी-अर्बन लोकेशन 'बघवा' नाम की जगह जाती है. विशु के साथ मिलकर कई पैंतरे आजमाने के बाद बच्चन पांडे को अपनी फ‍िल्म के लिए मना लेती है. पांडे मान जाते है और फ‍िर मायरा की स्क्र‍िप्ट पूरी हो जाती है. लेक‍िन मायरा ने अभी जो स्क्र‍िप्ट तैयार की है, उसमें तो बच्चन पांडे का गैंगस्टर वाला पहलू ही है. बच्चन पांडे का एक और पहलू भी है जो क‍ि इंटरवल के बाद पता चलता है.  

बच्चन पांडे को कभी सोफी नाम की लड़की जिसे जैकलीन फर्नांड‍िस ने निभाया है, उससे मोहब्बत थी. पर कुछ ऐसा होता है क‍ि बच्चन पांडे के हाथों सोफी का खून हो जाता है और फ‍िर मायरा उस कहानी का सच जानने के लिए उत्सुक हो जाती है. वो अपनी आधी अधूरी स्क्र‍िप्ट को बच्चन पांडे के दूसरे पहलू से पूरा करती है. अब उसकी फ‍िल्म में हीरो कौन बनेगा, तो बच्चन पांडे आगे आकर खुद को उस रोल के लिए चुनते हैं. बच्चन पांडे का मानना है क‍ि उसके भौकाल को फिल्म में देखकर लोग उनसे डरेंगे. लेक‍िन मायरा ने जो फ‍िल्म तैयार की है, क्या उससे बच्चन पांडे की दहशत बनी रहेगी ? यह जानने के लिए आपको फ‍िल्म देखनी पड़ेगी.  

फिल्म में रही है कई खामी 

फिल्म देखने के बाद एक चीज जो आपको महसूस होती है, वह यह है कि कोई भी चमक, ग्लैम और शीर्ष पायदान के सितारे कभी भी एक दिलचस्प स्क्रिप्ट की जगह नहीं ले सकते। महान सितारे, शानदार स्टाइल, बेहतरीन गाने और बेहतरीन दृश्य तब तक काम करते हैं जब तक स्क्रिप्ट बढ़िया है। ग्लॉसी-फिनिश कैमरावर्क, आकर्षक लोकेशन और फैंसी कॉस्ट्यूम के साथ शानदार ढंग से पैक किया गया, फिल्म के हर फ्रेम को एक साथ रखने में शायद करोड़ो खर्च हुए, लेकिन यह अभी भी अंत में एक खोखला टुकड़ा जैसा लगता है क्योंकि कहानी पकड़ में नहीं आती है। यदि आप एक्शन या कॉमेडी या दोनों में से किसी एक में रुचि रखते हैं तो थोड़ा बहुत मजा आएगा। 

निष्कर्ष

हालांकि ‘बच्चन पांडे’ में एक पॉज़िटिव चीज़ ये है कि फिल्म कोई गलत मैसेज नहीं देती. बुराई पर अच्छाई की जीत, इस फिल्म का बेसिक आइडिया है. हालांकि दशहरा वाले मैसेज के साथ फिल्म का होली पर रिलीज़ होना थोड़ा वीयर्ड है. जहां तक क्वॉलिटी ऑफ सिनेमा का सवाल है, वहां पर ये फिल्म निराश करती है.


अजमेर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !


मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ajmervocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.