भारतीय परंपराओं के अनुसार श्राद्ध एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। यह दिवंगत पूर्वजों की आत्माओं के सम्मान के लिए किया जाता है। हिंदू संस्कृति में पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष के दौरान पशु और पक्षियों को खिलाने का बहुत महत्व और बहुत शुभ के रूप में देखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह शुभ कार्य दुख को दूर करेगा और सौभाग्य में वृद्धि करेगा। जैसा कि वेदों या शास्त्रों में वर्णित है यह माना जाता है कि पक्षियों और जानवरों को खिलाने से आपकी कुंडली में ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचने में मदद मिलती है और आपके अच्छे कर्मों में इजाफा होता है।हिंदू धर्म के अनुसार पक्षी और जानवर कई देवी-देवताओं के वाहन के रूप में कार्य करते हैं और इस प्रकार वे एक प्रसिद्ध स्थान लेते हैं।
गाय , कुत्ते , कौवें , मुंगिया , ब्राह्मण है जो श्राद्ध भोजन के साथ खिलाए जाने पर आपके और आपके परिवार के बुरे प्रभावों को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
वंचितों या गरीबो को भोजन करवाने से श्राद्ध पूजा से सभी शुभ फल मिलते हैं। आपके सामने आने वाले किसी भी भिखारी को अनदेखा न करें। आप ब्राह्मणों को जो सम्मान देते हैं उसी के साथ भिकारी को भी भोजन परोसें। श्राद्ध पूजा करते समय जौ, कंगनी (एक प्रकार का बाजरा), सरसों, गंगाजल, गाय का दूध, शहद, दही और पवित्र तुलसी का उपयोग करना उचित है।
इस पखवाड़े के दौरान, लोग अपनी परंपराओं को पूरी ईमानदारी से निभाते हैं। यह एक हिंदू मान्यता है कि अगर पक्षी और जानवर प्रसाद खाते हैं तो यह इस बात का संकेत है कि दिवंगत आत्मा खुश है और उसकी कोई अधूरी इच्छा नहीं बची है। यदि आप उन्हें विशेष श्राद्ध भोजन परोसते हैं तो आप हर समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।