भारत में पुराने दिनों से ही लोग खाना खाने के बाद मीठा जरूर खाते हैं। इसका उल्लेख हिन्दू शास्त्र और आयुरर्वेद में मिलता है | मीठा खाने के संबंध में तो सबको पता ही होगा लेकिन बहुत कम लोग नहीं जानते होंगे कि खाने के पहले तीखा क्यों खाते हैं।
खाने के पहले तीखा इसलिए खाते हैं क्योंकि इससे आपका पाचन तंत्र सक्रिय हो जाए | शोधकर्ताओं के अनुसार जब आप तीखा खाते हैं, तो आपका शरीर पाचक रस और एसिड जारी करता है, जो पाचन प्रक्रिया को बढ़ाते हैं। इससे यह तय हो जाता है कि आपकी पाचन शक्ति सही तरह से कार्य कर रही है।
पाचन तंत्र तेज होने के लिए शुरुआत में तीखा भोजन किया जाता है जिससे पेट में पाचन तत्व तथा अम्ल सक्रिय हो जाते हैं ऐसा आयुर्वेद का मानना है | भोजन की शुरुआत में तीखा खाने से अच्छी भूक लगती है |
मिठाई कार्बोहाइड्रेट हैं। कार्बोहाइड्रेट को खाना आसान है और इसलिए इसे भोजन के अंतिम भाग के रूप में परोसा जाता है। पहले मिठाई परोसना पेट भरना और फिर मांस या स्टेक की एक बड़ी प्लेट सही नहीं है | मिठाई और अन्य कार्ब्स के साथ पेट भरा होने के बाद उच्च वसा वाले भोजन (high fat meal) करना असंभव है।
तो मतली महसूस किए बिना खाने का सही तरीका है कि पहले फैट्स और प्रोटीन खाएं और फिर आखिरी में चीनी। दक्षिण भारत में एक कहावत है कि “ भले ही आपका पेट गर्दन तक भरा हो, प्यासेम (paysum) के लिए हमेशा जगह होती है” |