दीपावली से एक दिन पहले यानी 23 अक्टूबर को धनतेरस का पर्व मनाया जाता हैं । बता दें कि, इस दिन शनि प्रदोष और हनुमान जयंती भी मनाई जाएगी। ऐसा संयोग 27 साल में पहली बार हो रहा है जब दोनों व्रत एक साथ रखे जाएंगे। धनतेरस पर ऐसा संयोग बेहद खास होता है । पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बताए तो, इस दिन समुद्र मंथन के बाद भगवान वैघ धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकृट हुए थे और इस दिन लक्ष्मी इंद्र और कुबैर भी प्रकट हुए थे । इसी संयोग के चलते इस साल धनतेरस का पर्व बेहद खास माना जा रहा हैं । जो लोग अंधेरे में हैं उनके लिए शनि की साढ़े साती और शनि प्रज्ञा के कारण धनतेरस का पर्व शुभ माना जा रहा है।
धनतेरस की पूजा कब करें?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:35 से 8:45 बजे के बीच है। इस समय पूजा करने से महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है । ऐसा कहा जाता है कि इस दिन चांदी का कोई भी बर्तन घर में लाना शुभ माना जाता है।