हर शिव भक्त की सबसे बड़ी इच्छा होती है कि वो अपने जीवन में एक बार बाबा बर्फानी यानी अमरनाथ गुफा के दर्शन जरूर करें। यह यात्रा जितनी कठिन होती है, उतनी ही पवित्र और पुण्यदायी भी मानी जाती है। कहते हैं कि बाबा बर्फानी के दर्शन मात्र से जीवन के सारे कष्ट मिट जाते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
अमरनाथ गुफा की खोज किसने की थी?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमरनाथ गुफा के सबसे पहले दर्शन महर्षि भृगु ने किए थे। एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब कश्मीर घाटी पूरी तरह जलमग्न हो गई थी, तब महर्षि कश्यप ने नदियों और झीलों के जरिए पानी को बाहर निकाला। उसी दौरान महर्षि भृगु हिमालय यात्रा पर निकले थे और एकांत में तपस्या करने के लिए स्थान खोज रहे थे।
इसी खोज के दौरान उन्हें अमरनाथ की गुफा दिखाई दी, जहां उन्होंने पहली बार बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन किए। मान्यता है कि उसी समय से अमरनाथ यात्रा की परंपरा की शुरुआत हुई थी।
क्यों कहते हैं बाबा बर्फानी?
अमरनाथ गुफा में बनने वाला शिवलिंग बर्फ से निर्मित होता है, और यह शिवलिंग कोई सामान्य आकृति नहीं, बल्कि गुफा की छत से टपकती बूंदों से प्राकृतिक रूप से बनता है। विशेष बात यह है कि यह शिवलिंग चंद्रमा के आकार के साथ घटता-बढ़ता है, यानी पूर्णिमा के समय यह सबसे बड़ा होता है और अमावस्या के समय सबसे छोटा।
इसी कारण भक्त उन्हें ‘बाबा बर्फानी’ कहते हैं। यहां आकर भक्तों को अत्यंत शांत और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होता है।
अमरनाथ यात्रा 2025 की तारीखें
अमरनाथ यात्रा 2025 की शुरुआत 25 जुलाई 2025 से होगी और इसका समापन 19 अगस्त 2025 को होगा। इस दौरान लाखों श्रद्धालु जम्मू-कश्मीर के कठिन रास्तों से होते हुए बाबा बर्फानी के दर्शन करने पहुंचते हैं।
यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 14 अप्रैल से शुरू हो चुके हैं और यह ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों से किया जा सकता है। यात्रा को लेकर सुरक्षा और चिकित्सा इंतजाम हर साल की तरह इस बार भी विशेष रूप से किए जाएंगे।
कौन कर सकता है अमरनाथ यात्रा?
अमरनाथ यात्रा के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं, जो इस प्रकार हैं:
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13 साल से कम उम्र के बच्चे यात्रा नहीं कर सकते।
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70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को भी अनुमति नहीं दी जाती।
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गर्भवती महिलाओं को भी यात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं होती।
यात्रा पर निकलने से पहले सभी यात्रियों के लिए स्वास्थ्य प्रमाणपत्र अनिवार्य होता है, ताकि वे इस कठिन यात्रा के लिए फिट साबित हो सकें।
रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
रजिस्ट्रेशन के लिए यात्री jksasb.nic.in वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं। इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू-कश्मीर बैंक और यस बैंक की कुछ शाखाओं से भी ऑफलाइन पंजीकरण कराया जा सकता है।
निष्कर्ष
अमरनाथ यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं है, यह भक्ति, तपस्या और आस्था की परीक्षा भी होती है। हजारों फीट की ऊंचाई पर पहुंचकर भक्त बर्फ से बने भगवान शिव के दर्शन करते हैं और एक अलौकिक आनंद प्राप्त करते हैं।
यदि आप भी इस वर्ष बाबा बर्फानी के दर्शन का मन बना रहे हैं, तो रजिस्ट्रेशन कराकर अपनी तैयारी शुरू कर दीजिए। शिव की कृपा से यह यात्रा आपके जीवन को नया अर्थ दे सकती है।
हर-हर महादेव!
बोलो बाबा बर्फानी की जय!