संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने शुक्रवार को पाकिस्तान के अनुचित बयान की आलोचना की। उन्होंने पाकिस्तान के दावों की कड़ी आलोचना की और देश की 'कट्टरपंथी मानसिकता' पर प्रकाश डाला। उन्होंने दोहराया कि पाकिस्तान के ऐसे प्रयासों से यह वास्तविकता नहीं बदलेगी कि जम्मू-कश्मीर सदैव भारत का अभिन्न अंग रहेगा। हरीश इस्लामोफोबिया से लड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र की बैठक में भारत का बयान पढ़ रहे थे।
उन्होंने कहा, "जैसा कि उनकी आदत है, पाकिस्तान के पूर्व विदेश सचिव ने आज भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का अनुचित संदर्भ दिया है।" बार-बार उल्लेख करने से न तो उनके दावे की पुष्टि होगी और न ही सीमा पार आतंकवाद के उनके अभ्यास को उचित ठहराया जा सकेगा। इस देश की कट्टरपंथी मानसिकता सर्वविदित है, तथा इसकी कट्टरता का इतिहास भी सर्वविदित है। इस तरह के प्रयासों से यह वास्तविकता नहीं बदलेगी कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा…”
इस्लामोफोबिया पर भारत का रुख
इस्लामोफोबिया पर बोलते हुए हरीश ने कहा, “हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि शिक्षा प्रणाली रूढ़िवादिता को बढ़ावा न दे या कट्टरता को बढ़ावा न दे। इस दिवस को मनाते हुए हमें याद रखना चाहिए कि इस्लामोफोबिया के खिलाफ लड़ाई, सभी प्रकार के धार्मिक भेदभाव के खिलाफ व्यापक संघर्ष से अविभाज्य है, जैसा कि 1981 के घोषणापत्र में सही ढंग से परिकल्पित किया गया था। आइए हम एक ऐसे भविष्य की दिशा में काम करें जहां हर व्यक्ति, चाहे उसका धर्म कुछ भी हो, गरिमा, सुरक्षा और सम्मान के साथ रह सके।
उन्होंने पूजा स्थलों और धार्मिक समुदायों को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा में चिंताजनक वृद्धि पर भी प्रकाश डाला। हरीश ने कहा कि इस कार्रवाई का मुकाबला सतत प्रतिबद्धता और ठोस कार्रवाई से किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "हमने हाल ही में पूजा स्थलों और धार्मिक समुदायों को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा में चिंताजनक वृद्धि देखी है। इसका मुकाबला केवल सभी सदस्य देशों द्वारा सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान के सिद्धांत के प्रति सतत प्रतिबद्धता और ठोस कार्रवाई से ही किया जा सकता है। "सभी देशों को अपने सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए और ऐसी नीतियों का पालन नहीं करना चाहिए जो धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा देती हों।"
उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्रालय ने भी शुक्रवार को जाफर एक्सप्रेस हमले के बारे में पाकिस्तान द्वारा लगाए गए आरोपों का पुरजोर खंडन किया था। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान विदेश कार्यालय द्वारा किए गए दावों को खारिज कर दिया और उन्हें “निराधार आरोप” कहा। पाकिस्तान द्वारा किए गए दावों पर टिप्पणी करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम पाकिस्तान द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों को दृढ़ता से खारिज करते हैं। पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का केन्द्र कहां है। पाकिस्तान को अपनी आंतरिक समस्याओं और असफलताओं के लिए दूसरों पर उंगली उठाने और दोष मढ़ने के बजाय अपने अंदर झांकना चाहिए।