मुंबई, 20 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की उस चिंता को सिरे से नकार दिया जिसमें कहा गया था कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के कुछ कार्यकर्ता भारत में उनके खिलाफ राजनीतिक गतिविधियां चला रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार को ऐसी किसी भी गतिविधि की जानकारी नहीं है। उन्होंने साफ किया कि भारत अपनी जमीन से किसी भी देश के खिलाफ राजनीतिक अभियान की अनुमति नहीं देता। जायसवाल ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के आरोपों को गलत ठहराते हुए कहा कि भारत चाहता है कि बांग्लादेश में जल्द से जल्द स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हों, ताकि वहां की जनता की वास्तविक इच्छा जाहिर हो सके।
बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, प्रोफेसर यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने भारत से मांग की है कि शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के दिल्ली और कोलकाता स्थित दफ्तरों को बंद किया जाए। उनका कहना है कि भारत में मौजूद अवामी लीग के नेता बांग्लादेश के लोगों और देश के खिलाफ सक्रिय हैं। यह बयान सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान की उस घोषणा के बाद आया जिसमें उन्होंने कहा था कि सेना अगले साल फरवरी में होने वाले स्वतंत्र और पारदर्शी चुनावों में अंतरिम सरकार की पूरी मदद करेगी।
गौरतलब है कि बांग्लादेश में अवामी लीग पर पिछले साल अक्टूबर से ही प्रतिबंध लगा हुआ है। यह कदम आतंकवाद विरोधी कानून के तहत उठाया गया था और तब तक लागू रहेगा जब तक इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल में पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ मुकदमे पूरे नहीं हो जाते। हसीना के देश छोड़ने के बाद खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत बनकर उभरी है। वहीं छात्र प्रदर्शनों से उभरी नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) को यूनुस का समर्थन माना जा रहा है।