मुंबई, 11 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि अमेरिका अब नाटो के माध्यम से यूक्रेन को हथियार देगा और इसका पूरा खर्च नाटो उठाएगा। उन्होंने एनबीसी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में यह जानकारी दी। ट्रम्प ने बताया कि अमेरिका, नाटो और यूक्रेन के बीच इस संबंध में एक नया समझौता हुआ है, जिसके तहत अमेरिका नाटो को हथियार भेजेगा और फिर नाटो उन्हें यूक्रेन को देगा। यह रणनीति यूक्रेन को समर्थन देने के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव मानी जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिका यूक्रेन को 300 मिलियन डॉलर यानी करीब 2.5 हजार करोड़ रुपए का रक्षा पैकेज भेजने की तैयारी कर रहा है, जिसमें पैट्रियट मिसाइल सिस्टम और मीडियम रेंज के रॉकेट शामिल हो सकते हैं। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय होना अभी बाकी है। ट्रम्प ने यह भी स्पष्ट किया कि वे प्रेसिडेंशियल ड्रॉडाउन अथॉरिटी के तहत यह सहायता भेजेंगे, जो राष्ट्रपति को आपातकालीन स्थिति में अमेरिकी सैन्य भंडार से सीधे हथियार देने की अनुमति देता है। यह पहला मौका है जब ट्रम्प इस अधिनियम के तहत कोई हथियार यूक्रेन भेजेंगे। इस कदम के पीछे ट्रम्प की बढ़ती नाराजगी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रति मानी जा रही है। हाल ही में व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रम्प ने पुतिन पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि उन्हें उम्मीद थी कि पुतिन सीजफायर के लिए तैयार होंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ट्रम्प ने यह भी संकेत दिया कि वे सोमवार को रूस पर एक बड़ा बयान दे सकते हैं।
इस बीच, इटली की राजधानी रोम में यूक्रेन पुनर्निर्माण सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें 38 देशों और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन में यूक्रेन को कुल 10 अरब यूरो यानी करीब 90 हजार करोड़ रुपए की मदद देने की घोषणा की गई। यूरोपीय आयोग ने इसमें 2.3 अरब यूरो की सहायता का वादा किया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस अवसर पर रूस की जब्त संपत्तियों को यूक्रेन के पुनर्निर्माण में लगाने की मांग की और हथियारों की आपूर्ति बढ़ाने तथा रक्षा उत्पादन में साझेदारी की अपील की। वहीं, मलेशिया में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच 50 मिनट तक बातचीत हुई। रुबियो ने बताया कि उन्होंने रूस से युद्ध समाप्त करने की अपील की और कहा कि ट्रम्प प्रशासन सीनेट के साथ मिलकर रूस पर नए प्रतिबंध लगाने के विकल्पों पर विचार कर रहा है।