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क्यों चर्चाओं में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की इकलौती बेटी? फर्जी नाम से कर रही थी पढ़ाई

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Posted On:Tuesday, June 3, 2025

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को दुनिया भर में एक शक्तिशाली और प्रभावशाली नेता के रूप में देखा जाता है। उनकी राजनीति, चीन की विदेश नीति और आंतरिक रणनीतियों पर दुनिया की नजरें बनी रहती हैं। लेकिन जहां शी जिनपिंग का सार्वजनिक जीवन बेहद चर्चित है, वहीं उनके परिवार के बारे में बेहद सीमित जानकारी उपलब्ध है। उनकी पत्नी पेंग लियुआन एक लोकप्रिय गायिका रही हैं और उनकी इकलौती बेटी शी मिंगजे (Xi Mingze) अक्सर मीडिया की नजरों से दूर रहती हैं।

हाल ही में, शी मिंगजे एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय चर्चा में आ गई हैं, और इस बार वजह है उनका अमेरिका जाकर दोबारा पढ़ाई शुरू करना। इस खबर के साथ ही अमेरिकी राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है।


🇺🇸 शी मिंगजे की अमेरिका में पढ़ाई की खबर

रिपोर्ट्स के अनुसार, शी मिंगजे ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फिर से पढ़ाई शुरू की है। पहले भी उन्होंने हार्वर्ड से ही मनोविज्ञान विषय में स्नातक (BA in Psychology) की डिग्री 2014 में प्राप्त की थी। अब उन्होंने एक और कोर्स में एडमिशन लिया है, लेकिन किस विषय में, यह स्पष्ट नहीं किया गया है।

गौर करने वाली बात यह है कि पहले भी उन्होंने सुरक्षा कारणों से हार्वर्ड में एक फर्जी नाम (पेन नेम) से पढ़ाई की थी, और अब भी यही रणनीति अपनाई गई है। यह हाई-प्रोफाइल राजनेताओं और बिजनेसमेन के बच्चों के लिए एक आम प्रथा है, जिससे उनकी पहचान और सुरक्षा बनी रहे।


अमेरिका में उठा राजनीतिक विवाद

शी मिंगजे की अमेरिका में मौजूदगी ने अमेरिकी राजनीतिक हलकों में विवाद खड़ा कर दिया है। फ्लोरिडा से रिपब्लिकन सीनेटर मार्को रुबियो ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक सख्त बयान दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका उन सभी चीनी छात्रों के वीजा रद्द करना शुरू करेगा जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) से सीधे या परोक्ष रूप से जुड़े हुए हैं या संवेदनशील क्षेत्रों में अध्ययन कर रहे हैं।

इसके तुरंत बाद दक्षिणपंथी पत्रकार लॉरा लूमर ने ट्वीट करते हुए कहा:

“शी जिनपिंग की बेटी को अमेरिका से निर्वासित किया जाना चाहिए! वह मैसाचुसेट्स में रहती है और हार्वर्ड जाती है। CCP के PLA गार्ड्स अमेरिकी धरती पर उसकी सुरक्षा करते हैं।”

इस बयान के बाद यह मुद्दा सिर्फ शिक्षा से नहीं, बल्कि अमेरिका-चीन के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक तनाव का मुद्दा बन गया है।


शी मिंगजे का निजी जीवन और पृष्ठभूमि

शी मिंगजे का जन्म 1992 में हुआ था। उन्होंने शुरू से ही निजी जीवन को मीडिया की नजरों से दूर रखा है। वे पब्लिक लाइफ से लगभग अनुपस्थित रही हैं, और उनकी सार्वजनिक तस्वीरें भी बेहद कम उपलब्ध हैं।

हालांकि 2008 में, जब वे सिर्फ 16 वर्ष की थीं, उन्होंने सिचुआन भूकंप के बाद राहत और सेवा कार्यों में भाग लिया था। इसके बाद वे 2010 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिल हुईं और वहां से 2014 में BA in Psychology की डिग्री ली।

बताया जाता है कि वे सीधे चीन के राष्ट्रपति निवास Zhongnanhai में नहीं रहतीं, बल्कि अलग रहते हुए कम ही सार्वजनिक रूप से दिखाई देती हैं।


क्या अमेरिका से निकाल सकते हैं शी मिंगजे को?

हालांकि अमेरिकी कानून विदेशी छात्रों के वीजा और शिक्षा संस्थानों में पढ़ाई को लेकर स्पष्ट नियम रखता है, लेकिन किसी भी विदेशी छात्र को निर्वासित करने के लिए ठोस कानूनी आधार की आवश्यकता होती है।

शी मिंगजे के मामले में अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने किसी अमेरिकी कानून का उल्लंघन किया है या नहीं। लेकिन अमेरिका में CCP और चीनी छात्रों को लेकर बढ़ती शंका और राजनीतिक दबाव के बीच यह मामला और तूल पकड़ सकता है।


कूटनीतिक नज़रिए से इसका क्या मतलब है?

शी मिंगजे के अमेरिका में रहने से अमेरिका-चीन संबंधों में कूटनीतिक पेच और अधिक जटिल हो सकते हैं। एक तरफ अमेरिका चीनी जासूसी, साइबर अटैक और राजनीतिक हस्तक्षेप के मामलों को लेकर सतर्क है, वहीं दूसरी तरफ चीन के सर्वोच्च नेता की बेटी का अमेरिका में पढ़ना अमेरिका की सॉफ्ट पावर की ताकत को भी दिखाता है।

यह भी सवाल उठता है कि जब चीन में पश्चिमी शिक्षा को नियंत्रित करने और विदेशी विचारों को रोकने की नीति चलाई जा रही है, तब शी जिनपिंग की खुद की बेटी का अमेरिका में पढ़ना क्या विरोधाभास नहीं है?


निष्कर्ष

शी मिंगजे के अमेरिका में दोबारा पढ़ाई करने की खबर ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि राजनीति केवल नीति और फैसलों तक सीमित नहीं होती, बल्कि व्यक्तिगत और पारिवारिक पहलुओं का भी गहरा असर पड़ता है।

वर्तमान में यह मुद्दा चीन और अमेरिका के बीच भरोसे, सुरक्षा, और कूटनीति का प्रतीक बन चुका है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या शी मिंगजे अमेरिका में अपनी पढ़ाई जारी रख पाती हैं, या राजनीतिक दबाव के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ेगा।


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