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मेसी जब घूम रहे भारत तब उनके देश के पड़ोस में हुआ बड़ा खेल, चिली के इलेक्शन में वामपंथियों का हो गया सफाया

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Posted On:Monday, December 15, 2025

फुटबॉल स्टार लियोनल मेसी भले ही भारत में हों, लेकिन उनके पड़ोसी देश चिली की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर हुआ है। दक्षिणपंथी नेता जोसे एंटोनियो कास्ट (José Antonio Kast) ने राष्ट्रपति चुनाव में शानदार जीत हासिल कर एक राजनीतिक भूचाल ला दिया है। उन्होंने वामपंथी सत्तारूढ़ गठबंधन की उम्मीदवार जीनैट जारा को करारी शिकस्त दी।

यह जीत चिली के राजनीतिक इतिहास में एक मील का पत्थर है। कास्ट को 58% से अधिक वोट मिले, और यह जीत 1990 में सैन्य तानाशाही की समाप्ति के बाद से चिली का सबसे बड़ा दक्षिणपंथी झुकाव मानी जा रही है। खास बात यह है कि यह राष्ट्रपति पद के लिए कास्ट का तीसरा प्रयास था।

चुनाव के प्रमुख मुद्दे: सुरक्षा और अराजकता

कास्ट की इस जबरदस्त जीत के पीछे के कारणों में चुनाव अभियान के दौरान हावी रहे मुद्दे थे, जिन्होंने मतदाताओं की असुरक्षा की भावना को भुनाया।

  • हावी मुद्दे: सुरक्षा, अपराध, अवैध इमिग्रेशन और कानून-व्यवस्था।

  • कास्ट की रणनीति: उन्होंने देश को 'अराजकता की ओर जाता हुआ' बताकर मतदाताओं में डर और असुरक्षा की भावना को जोर-शोर से उठाया।

  • जीत के बाद का संदेश: समर्थकों को संबोधित करते हुए कास्ट ने दृढ़ता से कहा, "चिली अब अपराध से मुक्त होगा, डर से मुक्त होगा। अपराधियों की जिंदगी बदलने वाली है, हम उन्हें ढूंढेंगे, पकड़ेंगे, सजा देंगे और जेल में डालेंगे।" उनका यह बयान कानून-व्यवस्था पर उनके कठोर रुख को स्पष्ट करता है।

"मेक चिली ग्रेट अगेन": ट्रंप स्टाइल राजनीति

कास्ट की जीत को उनकी डोनाल्ड ट्रंप से वैचारिक नजदीकी से जोड़कर देखा जा रहा है। सैंटियागो में जश्न मनाते उनके समर्थकों के सिर पर 'मेक चिली ग्रेट अगेन' लिखी लाल टोपियां स्पष्ट रूप से दिखाई दीं, जो सीधे तौर पर ट्रंप के चुनावी नारे की नकल थी।

कास्ट खुद ट्रंप के खुले प्रशंसक रहे हैं, और उनकी प्रस्तावित नीतियाँ भी अमेरिकी राष्ट्रपति की लाइन पर चलती दिखती हैं। वह निम्न नीतियों का समर्थन करते हैं:

  • सीमा सुरक्षा: सीमा पर दीवार का निर्माण।

  • आपराधिक न्याय: सख्त जेलें।

  • प्रवासन नीति: अवैध प्रवासियों का बड़े पैमाने पर निर्वासन।

  • आर्थिक नीति: सरकारी खर्चों में कटौती।

अतीत के जख्मों पर चर्चा

कास्ट की जीत ने चिली के अतीत के जख्मों को भी हरा कर दिया है। कास्ट ने कई बार खुले तौर पर पूर्व तानाशाह ऑगस्टो पिनोशे की प्रशंसा की है, जिनका 1973 से 1990 तक का शासन मानवाधिकार उल्लंघनों, जबरन गायब किए जाने और दमन के लिए बदनाम रहा है।

  • पारिवारिक संबंध: कास्ट के भाई पिनोशे सरकार में मंत्री रह चुके हैं, और उनके पिता पर नाजी पार्टी से जुड़े होने के आरोप भी रहे हैं।

  • विरोधियों की चिंता: कास्ट समर्थकों में कुछ लोग खुलकर यह कहते दिखे कि 'पिनोशे के दौर में शांति थी,' जबकि उनके विरोधियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को डर है कि यह दक्षिणपंथी जीत चिली को एक बार फिर उसी अंधेरे और दमनकारी दौर की ओर धकेल सकती है।


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