दिल्ली सुपरस्टार्स वूमेन और सेंट्रल दिल्ली क्वींस के बीच खेले गए इस फाइनल मैच में गेंदबाजों का बोलबाला रहा। लो-स्कोरिंग लेकिन हाई-टेंशन इस मैच में साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स वूमेन की टीम ने बेहद नजदीकी अंतर से जीत दर्ज करते हुए 1 रन से खिताब अपने नाम किया। इस जीत के साथ ही श्वेता सहरावत की कप्तानी में टीम ने इस सीज़न का ताज पहन लिया।
साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स का संयमित प्रदर्शन
साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स वूमेन की कप्तान श्वेता सहरावत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। टीम की शुरुआत थोड़ी धीमी रही और लगातार विकेट गिरते रहे। मजबूत गेंदबाजी और टाइट फील्डिंग के कारण टीम 20 ओवर में केवल 121 रन ही बना सकी, जिसमें उनके शीर्ष क्रम के कुछ बल्लेबाज ही दोहरे अंक में पहुंच सके। हालांकि, यह स्कोर बड़ा नहीं था, लेकिन फाइनल मुकाबले के दबाव को देखते हुए प्रतिस्पर्धी कहा जा सकता है।
गेंदबाजों की वापसी और सेंट्रल दिल्ली की लड़खड़ाहट
121 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सेंट्रल दिल्ली क्वींस की टीम को शुरुआत में झटके लगे। साउथ दिल्ली की गेंदबाजी यूनिट ने सटीक लाइन-लेंथ से रन गति पर नियंत्रण बनाए रखा। हालांकि सेंट्रल दिल्ली की बल्लेबाज रिया शौकीन ने अंत तक संघर्ष किया, लेकिन दूसरी छोर से लगातार विकेट गिरते रहे। अंतिम ओवर तक मैच किसी भी तरफ जा सकता था।
अंतिम ओवर का रोमांच
फाइनल मुकाबले का असली रोमांच अंतिम ओवर में देखने को मिला। सेंट्रल दिल्ली को जीत के लिए 15 रनों की जरूरत थी और क्रीज़ पर थीं रिया शौकीन। उन्होंने पहली गेंद पर चौका जड़ा, दूसरी गेंद पर 2 रन लिए। तीसरी गेंद पर एक रन बना, लेकिन चौथी गेंद पर मल्लिका खत्री का विकेट गिर गया। अब नई बल्लेबाज रिया कोंडल क्रीज़ पर थीं। उन्होंने पांचवीं गेंद पर 2 रन लिए, जिससे अंतिम गेंद पर जीत के लिए 6 रनों की दरकार थी। हालांकि वह आखिरी गेंद पर सिर्फ चौका ही मार सकीं, और उनकी टीम 1 रन से मैच और खिताब हार गई।
ऐतिहासिक जीत और जश्न
इस जीत के साथ ही साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स वूमेन ने दिल्ली प्रीमियर लीग 2025 का खिताब अपने नाम कर लिया। कप्तान श्वेता सहरावत ने अपनी टीम के जज्बे और अनुशासन की तारीफ की। गेंदबाजों, खासकर डेथ ओवर विशेषज्ञों ने जिस तरह से दबाव में भी सटीक गेंदबाजी की, उसने टीम को जीत दिलाई।
दिल्ली प्रीमियर लीग 2025 का यह फाइनल यादगार बन गया है, जिसमें रोमांच, भावनाएं और संघर्ष सब कुछ था। महिला क्रिकेट को मिले इस मंच ने युवा खिलाड़ियों को चमकने का मौका दिया और यह निश्चित तौर पर आने वाले वर्षों में और भी बड़े स्तर पर खेल को प्रेरित करेगा।