भारतीय क्रिकेट टीम के नए टेस्ट कप्तान शुभमन गिल के लिए कप्तानी की शुरुआत कुछ खास नहीं रही। इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले में खेले गए पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया को 5 विकेट से शर्मनाक हार झेलनी पड़ी। इस हार ने न सिर्फ टीम की रणनीति पर सवाल खड़े किए, बल्कि गिल की कप्तानी की भी पहली परीक्षा कठिन बना दी।
जहां भारतीय बल्लेबाजों ने दोनों पारियों में दमदार प्रदर्शन किया और पांच शतक लगाए, वहीं गेंदबाज पूरी तरह फ्लॉप साबित हुए। यह टेस्ट क्रिकेट के 148 साल के इतिहास में पहली बार हुआ है जब किसी टीम ने एक मैच में पांच शतक लगाने के बावजूद मुकाबला गंवा दिया हो।
गेंदबाज़ी बनी हार की सबसे बड़ी वजह
भारतीय गेंदबाजों से उम्मीद की जा रही थी कि वे 371 रनों का मजबूत लक्ष्य डिफेंड करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बुमराह, सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा जैसे अनुभवी गेंदबाज इंग्लैंड के बल्लेबाजों के सामने पूरी तरह बेबस नजर आए।
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बुमराह ने 19 ओवर डाले लेकिन एक भी विकेट नहीं ले सके
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सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा की गेंदबाज़ी में भी धार नहीं दिखी
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शार्दुल ठाकुर ने जरूर 2 विकेट निकाले, लेकिन तब तक बाजी हाथ से निकल चुकी थी
मैच के अंतिम दिन जब टीम इंडिया को विकेटों की सख्त जरूरत थी, तब पहला विकेट 42 ओवर बाद मिला, जो इंग्लैंड की सलामी जोड़ी जैक क्राउली और बेन डकेट के दबदबे को दर्शाता है।
गिल ने हार की बताई वजह
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुभमन गिल ने हार की वजहों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा:
“मेरे हिसाब से यह टेस्ट मैच कमाल का रहा। हमारे पास जीतने के मौके थे, लेकिन हमने कैच छोड़े और निचले क्रम के बल्लेबाजों का योगदान नहीं मिला। हमें 430 रन तक पहुंचना चाहिए था, लेकिन आखिरी 6 विकेट हम सिर्फ 20-25 रन के भीतर गंवा बैठे।”
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ओपनिंग पार्टनरशिप अच्छी होने के बावजूद टीम मुकाबले को खत्म नहीं कर सकी, जो चिंता का विषय है।
छूटे कैच और खराब फील्डिंग
गिल ने अपनी टीम की फील्डिंग पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा:
“हमने कई आसान कैच छोड़े। इस तरह की पिच पर चांस जल्दी नहीं आते और जब मिलते हैं तो उन्हें पकड़ना जरूरी होता है। यह एक यंग टीम है जो सीख रही है, उम्मीद है हम अगले मैचों में बेहतर करेंगे।”
यह बात सच है कि टेस्ट मैचों में फील्डिंग और कैचिंग का बड़ा महत्व होता है, खासकर जब गेंदबाज विकेट नहीं निकाल पा रहे हों।
ऐतिहासिक शर्मनाक रिकॉर्ड
इस हार ने भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक शर्मनाक रिकॉर्ड भी जोड़ दिया है। पहली बार ऐसा हुआ है जब कोई टीम पांच शतक लगाने के बावजूद मैच हार गई। यह रिकॉर्ड अब टीम इंडिया के नाम दर्ज हो चुका है।
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अंतिम दिन के पहले सेशन में भारतीय गेंदबाज एक भी विकेट नहीं निकाल सके
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इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने असानी से रन बनाए और दबाव नहीं बनने दिया
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रविंद्र जडेजा की फिरकी भी बेअसर रही
आंकड़ों में भारत की हार
भारतीय बल्लेबाज |
रन |
यशस्वी जायसवाल |
144 |
शुभमन गिल |
101 |
विराट कोहली |
123 |
श्रेयस अय्यर |
112 |
रवींद्र जडेजा |
104 |
इन शानदार व्यक्तिगत प्रदर्शन के बावजूद टीम की हार ने यह सवाल उठाया कि क्या सिर्फ बैटिंग से मैच जीता जा सकता है? जवाब साफ है — नहीं। गेंदबाजों का प्रदर्शन उतना ही जरूरी होता है।
आगे की राह
शुभमन गिल के लिए यह पहला टेस्ट था और कप्तान के तौर पर हार का सामना करना मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालांकि गिल ने अपनी टीम का बचाव किया और सकारात्मक रवैया दिखाया।
“मुझे अपनी टीम पर गर्व है। यह एक यंग टीम है और सीखने की प्रक्रिया में है।”
लेकिन अगला टेस्ट मैच इस युवा कप्तान के लिए ‘करो या मरो’ की तरह हो सकता है। क्योंकि एक और हार, गिल की कप्तानी पर भारी दबाव डाल सकती है।
निष्कर्ष
हेडिंग्ले में मिली हार भारतीय टीम और कप्तान शुभमन गिल दोनों के लिए एक सीख है। टीम के बल्लेबाजों ने इतिहास रचते हुए पांच शतक जरूर लगाए, लेकिन गेंदबाजों की नाकामी और फील्डिंग में चूक ने टीम को जीत से दूर कर दिया।
अगले टेस्ट मैच से पहले टीम मैनेजमेंट को गेंदबाजी यूनिट पर गंभीरता से मंथन करना होगा, और गिल को भी एक नेता के रूप में साहसिक फैसले लेने होंगे। क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में जीतने के लिए बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी और फील्डिंग — तीनों विभागों में संतुलन जरूरी है