मुंबई, 23 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। बेंगलुरु के हेब्बल में 39 साल के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए। ठगों ने उन्हें डरा धमकाकर 11.8 करोड़ रुपए वसूल लिए। बाद में शक होने पर इंजीनियर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। मामला एक महीने पुराना है। पुलिस को दिए बयान के मुताबिक शख्स ने 25 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच पैसे गंवाए। ठगों ने इंजीनियर को TRAI (टेलिकॉम रेगुलेरिटी ऑफ इंडिया) अधिकारी बनकर कॉल किया था और आधार-सिम के फर्जी इस्तेमाल की जानकारी देकर डराया था।
आपको बता दें, सॉफ्टवेयर इंजीनियर समीर (बदला हुआ नाम) को 11 नवंबर को सुबह करीब 10.30 बजे मोबाइल नंबर 8791120931 से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को TRAI का अधिकारी बताया और समीर से कहा कि उसके नाम से खरीदे गए सिम कार्ड का इस्तेमाल अवैध विज्ञापनों और धमकी भरे मैसेजों के लिए किया जा रहा है। जालसाज ने उन्हें बताया कि इसके लिए उनके आधार का इस्तेमाल किया गया है। फिलहाल अब उनके सिम को ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और मुंबई के कोलाबा साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। कुछ दिनों बाद एक दूसरे ठग ने मोबाइल नंबर 7420928275 से इंजीनियर से संपर्क किया और खुद को पुलिस अधिकारी बताया। उसने समीर से कहा कि उसके आधार का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए बैंक अकाउंट खोलने में किया गया है। उन्होंने समीर को चेतावनी दी कि वह अपने परिवार सहित किसी को भी कॉल के बारे में न बताएं, क्योंकि धोखाधड़ी में प्रभावशाली व्यक्ति शामिल हैं, जो पहले से ही मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में गिरफ्तार हैं। ठगों ने इंजीनियर को वर्चुअल जांच में सहयोग न करने पर फिजिकली अरेस्ट करने की धमकी दी थी। इंजीनियर को आखिर में तीसरी बार एक और कॉल आया। जालसाजों ने उससे स्काइप एप डाउनलोड करवाया। इसके बाद, पुलिस की वर्दी में एक व्यक्ति ने वीडियो कॉल किया, जिसमें उसने मुंबई पुलिस से होने का दावा किया। उसने आरोप लगाया कि व्यवसायी नरेश गोयल ने समीर के आधार का इस्तेमाल करके केनरा बैंक में खाता खोला और लगभग 6 करोड़ रुपए का लेनदेन किया। 25 नवंबर को, एक अन्य नकली पुलिस अधिकारी ने समीर से स्काइप पर संपर्क किया, और दावा किया कि उसके खिलाफ मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।
ठगों ने इंजीनियर से कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों के अनुसार, उन्हें उसके बैंक अकाउंट के लेन-देन को सत्यापित करने की आवश्यकता है। वैरिफिकेशन के लिए इंजीनियर से पैसे ट्रांसफर करने को कहा गया। गिरफ्तारी के डर से, समीर ने पहले एक बैंक अकाउंट में 75 लाख और बाद में 3.41 करोड़ रुपए दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिए। 12 दिसंबर तक उन्होंने ठगों के विभिन्न अकाउंट में 11.8 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए थे। जब धोखेबाजों ने और पैसे मांगे तब समीर को अहसास हुआ कि कुछ गड़बड़ है। 12 दिसंबर को इंजीनियर ने पुलिस में शिकायत की। जांच जारी है।