मुंबई, 6 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में कर्फ्यू के बावजूद हजारों मैतेई प्रदर्शनकारियों ने मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने फौगाकचाओ इखाई में टिडिमरोड (इम्फाल-चुराचांदपुर रोड) पर सेना की ओर से लगाए गए बैरिकेड्स को हटा दिया। इसके बाद क्वाक्टा में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और फायरिंग भी की। इससे 25 लोग घायल हो गए, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। साथ ही पुलिस की फायरिंग के बावजूद प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स की ओर बढ़ते रहे। राज्य सरकार ने पांच जिलों, इंफाल पश्चिम, इम्फाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग में मंगलवार (5 सितंबर) शाम 6 बजे से अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगाया है।
वहीं, मणिपुर में अपने मेंबर्स पर दर्ज 2 FIR के खिलाफ एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, EGI ने कोर्ट से दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा की मांग की है। दरअसल, 4 सितंबर को मणिपुर के CM एन बीरेन सिंह ने बताया कि हमने EGI की प्रेसिडेंट सीमा मुस्तफा, सीमा गुहा, भारत भूषण और संजय कपूर पर FIR कराई है। EGI अपनी रिपोर्ट्स के जरिए झूठ फैला रहा है और गलत तथ्य पेश कर रहा है। इससे राज्य में हिंसा और तनाव बढ़ सकता है। CM एन बीरेन सिंह ने कहा कि EGI के इन सदस्यों को किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले राज्य के सभी समुदायों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करनी चाहिए थी, न कि गिनती के लोगों से मिलकर किसी नतीजे पर पहुंचना था। दरअसल, कुछ समय पहले EGI के कुछ सदस्यों ने हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा किया था। इस फैक्ट फाइंडिंग टीम ने वहां हिंसा से पीड़ित लोगों से मुलाकात की थी। इसके बाद एडिटर्स गिल्ड ने 2 सितंबर को अपनी रिपोर्ट जारी की। इसमें दावा किया गया था कि मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा की एकतरफा मीडिया रिपोर्टिंग की गई। साथ ही उसने राज्य सरकार और खुद CM बीरेन सिंह पर हिंसा रोकने में पक्षपात करने का आरोप लगाया।