एनआरआई उद्योगपति और ब्रिटेन की मशहूर कैपरो ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के संस्थापक, लॉर्ड स्वराज पॉल का निधन हो गया है। वे 94 वर्ष के थे और लंदन के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। लॉर्ड पॉल लंबे समय से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया। मोदी ने लिखा कि ब्रिटेन में उद्योग के विकास और जनसेवा में उनके योगदान तथा भारत और ब्रिटेन के बीच घनिष्ठ संबंधों के लिए उनका अटूट समर्थन सदैव याद रखा जाएगा।
लॉर्ड स्वराज पॉल कौन थे?
लॉर्ड स्वराज पॉल भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक थे। उनका जन्म पंजाब के जालंधर जिले में एक हिंदू पंजाबी परिवार में हुआ था। वे कैपरो ग्रुप के संस्थापक थे, जो ब्रिटेन की एक प्रमुख स्टील और इंजीनियरिंग कंपनी है। उनके पिता, पायरे लाल, ने एक फाउंड्री शुरू की थी, जिसमें स्टील की बाल्टियां और कृषि उपकरण बनाए जाते थे। स्वराज पॉल ने अपनी शिक्षा जालंधर के लब्बू राम दोआबा स्कूल और दोआबा कॉलेज से प्रारंभ की और बाद में लाहौर के फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से आगे पढ़ाई की। उन्होंने अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स किया।
लंदन में बसे और कैपरो ग्रुप की स्थापना
स्वराज पॉल ने अपने पिता की कंपनी में काम किया, लेकिन 1966 में उनकी बेटी अंबिका की ल्यूकेमिया से मौत के बाद वे लंदन चले गए। यहां उन्होंने 1968 में नेचुरल गैस ट्यूब्स की कंपनी शुरू की और कैपरो ग्रुप की नींव रखी। 10 साल के अंदर ही यह ग्रुप ब्रिटेन की सबसे बड़ी स्टील और इंजीनियरिंग कंपनी बन गई। कैपरो ग्रुप ने ब्रिटेन, भारत, नॉर्थ अमेरिका और मध्य पूर्व में 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार दिया।
सामाजिक योगदान और परिवार
अंबिका की याद में उन्होंने ‘अंबिका पॉल फाउंडेशन’ की स्थापना की और लंदन के चिड़ियाघर में ‘अंबिका पॉल चिल्ड्रन जू’ भी खोला। उनके परिवार में उनकी पत्नी अरुणा पॉल थीं जिनका 2022 में निधन हो गया। उनके चार बच्चे थे, जिनमें से बेटी अंबिका और बेटा अंगद अब नहीं रहे। उनके दो बच्चे आकाश और शैला आज भी कैपरो ग्रुप से जुड़े हुए हैं।
राजनीतिक जीवन और पुरस्कार
लॉर्ड स्वराज पॉल कंजर्वेटिव पार्टी के महत्वपूर्ण सदस्य थे। वे 1996 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉन मेजर के लाइफ पीयर बने। 2008 में डिप्टी स्पीकर और 2009 में प्रिवी काउंसिल के सदस्य नियुक्त हुए। वे इंडो-ब्रिटिश एसोसिएशन के फाउंडर और चेयरमैन भी रहे और ब्रिटिश-भारतीय संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई।
ब्रिटेन की रानी ने उन्हें 1978 में नाइटहुड से सम्मानित किया, जबकि भारत सरकार ने 1983 में उन्हें पद्म भूषण से नवाजा। उनके नाम 15 से अधिक डिग्रियां थीं, जो उनकी बहुमुखी प्रतिभा का प्रमाण हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का श्रद्धांजलि संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने लॉर्ड स्वराज पॉल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “उनके साथ कई बार मुलाकातें हुईं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। ॐ शांति।” मोदी ने उनके उद्योग क्षेत्र में योगदान और भारत-ब्रिटेन संबंधों के लिए किए गए प्रयासों की प्रशंसा की।
निष्कर्ष
लॉर्ड स्वराज पॉल एक सफल उद्योगपति, समर्पित परिवार के व्यक्ति और दो देशों के बीच सेतु बनाने वाले राजनेता थे। उनके निधन से ब्रिटिश-भारतीय समुदाय के साथ-साथ उद्योग जगत में एक बड़ी छूट गई है। उनके योगदान और कार्य सदैव प्रेरणा स्रोत रहेंगे। उनके परिवार, मित्रों और शुभचिंतकों के लिए यह समय गहरा दुःख लेकर आया है।