बिहार में विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर चल रहा गतिरोध आखिरकार समाप्त हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के बीच लंबी खींचतान के बाद अब एक समझौता हो गया है, जिसके तहत मुकेश सहनी की पार्टी को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 18 सीटों पर चुनाव लड़ने की अनुमति मिली है।
यह डील ऐसे समय में फाइनल हुई है जब विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है और सभी पार्टियां अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रही हैं। VIP के अध्यक्ष मुकेश सहनी, जिन्हें 'सन ऑफ मल्लाह' के नाम से भी जाना जाता है, शुरुआत में 20 से अधिक सीटों की मांग कर रहे थे, जबकि RJD 15 सीटों से अधिक देने को तैयार नहीं थी। कई दौर की बातचीत और काफी जद्दोजहद के बाद, दोनों पक्षों ने 18 सीटों के फॉर्मूले पर सहमति जताई है, जिससे 'महागठबंधन' में एक बड़ा विवाद टल गया है।
सहनी की डिप्टी सीएम पद की मांग
सीटों के बंटवारे पर सहमति बनने के बावजूद, मुकेश सहनी ने गठबंधन में उपमुख्यमंत्री (डिप्टी सीएम) पद के लिए अपनी दावेदारी बरकरार रखी है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा के बाद, 'इंडिया' ब्लॉक (जिसमें RJD, कांग्रेस, VIP और वाम दल शामिल हैं) के बीच सीट बंटवारे पर गहन मंथन चल रहा था। सहनी ने न केवल 20+ सीटों की मांग की थी, बल्कि भविष्य की सरकार में डिप्टी सीएम का पद भी मांगा था।
तेजस्वी की चेतावनी और डील का दबाव
सीटों की संख्या को लेकर तकरार इतनी बढ़ गई थी कि सहनी ने सार्वजनिक रूप से 'महागठबंधन' के 'बीमार' होने की बात कहकर दिल्ली जाकर 'इलाज' कराने का संकेत दिया था। सहनी के इस बयान से तेजस्वी यादव कथित तौर पर नाराज हो गए थे। सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी ने सहनी को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर उन्हें गठबंधन में रहना है तो 15 सीटें स्वीकार करें, अन्यथा वे अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। RJD के इस कड़े रुख के बाद, मुकेश सहनी पर सीटों की संख्या कम करने का दबाव बढ़ गया था।
माना जा रहा है कि 18 सीटों पर सहमति बनने से सहनी की पार्टी को न केवल सम्मानजनक प्रतिनिधित्व मिला है, बल्कि इससे गठबंधन को भी एक मजबूत और एकजुट संदेश देने में मदद मिलेगी। VIP के प्रभाव को देखते हुए, यह समझौता महागठबंधन के लिए चुनाव से पहले एक सकारात्मक कदम है। अब देखना यह है कि सहनी की डिप्टी सीएम पद की दावेदारी पर RJD भविष्य में क्या रुख अपनाती है, और क्या यह डील 'इंडिया' ब्लॉक को एकजुटता के साथ चुनाव लड़ने में मदद करेगी।