उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को अत्याधुनिक बनाने की दिशा में योगी सरकार ने एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लॉन्च किया गया 'यक्ष' (Yaksh APP) अब यूपी पुलिस के लिए अपराधियों के खिलाफ सबसे बड़ा डिजिटल हथियार बनने जा रहा है। सालों से रजिस्टरों में धूल फांक रहे अपराधियों के डेटा को अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की शक्ति दी गई है।
यहाँ 'यक्ष' ऐप की कार्यप्रणाली और इसके तकनीकी पहलुओं पर आधारित विस्तृत रिपोर्ट दी गई है:
ऐप (Yaksh APP): यूपी पुलिस की 'तीसरी आंख' और अपराधियों का काल
उत्तर प्रदेश पुलिस अब पारंपरिक पुलिसिंग से हटकर 'प्रेडिक्टिव पुलिसिंग' (Predictive Policing) की ओर बढ़ रही है। 'यक्ष' ऐप का मुख्य उद्देश्य न केवल अपराधियों का रिकॉर्ड रखना है, बल्कि अपराध होने से पहले ही उसकी कड़ियों को जोड़कर उसे रोकना है।
1. तकनीक से लैस 'यक्ष' के मुख्य फीचर्स
यह केवल एक डेटाबेस ऐप नहीं है, बल्कि इसमें दुनिया की सबसे एडवांस तकनीकों का समावेश किया गया है:
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AI पावर्ड वॉइस रिकग्निशन: अपराधी की आवाज को पहचानने की क्षमता, जो फोन कॉल या रिकॉर्डिंग के जरिए उसकी पहचान सुनिश्चित करेगी।
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फेस रिकग्निशन सिस्टम (FRS): सीसीटीवी फुटेज या फोटो के जरिए संदिग्धों की तुरंत पहचान।
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क्राइम GPT (Crime GPT): यह फीचर पुलिस को किसी विशेष अपराध के पैटर्न को समझने और पुराने रिकॉर्ड्स से तुलना करने में मदद करेगा।
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गैंग लिंक एनालिसिस: किसी अपराधी का किन-किन गिरोहों से संबंध है, इसका पूरा ग्राफिकल चार्ट ऐप में उपलब्ध होगा।
2. पुरानी परंपरा का अंत: डिजिटल बीट पुलिसिंग
अब तक बीट कांस्टेबल और दरोगा अपराधियों का विवरण 'हिस्ट्रीशीट' या रजिस्टरों में लिखते थे। इसमें डेटा साझा करना मुश्किल होता था। 'यक्ष' ऐप के जरिए:
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सेंट्रलाइज्ड डेटा: एक थाने का डेटा अब पूरे प्रदेश की पुलिस को एक क्लिक पर मिलेगा।
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लोकेशन शिफ्ट अलर्ट: यदि कोई सूचीबद्ध अपराधी अपनी लोकेशन बदलता है या किसी नए जिले में सक्रिय होता है, तो संबंधित पुलिस टीम को तुरंत अलर्ट मिल जाएगा।
3. एसटीएफ मुख्यालय में कंट्रोल रूम
यक्ष ऐप की निगरानी के लिए उत्तर प्रदेश एसटीएफ (STF) के मुख्यालय में एक अत्याधुनिक कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहाँ से पूरे प्रदेश के अपराधियों की डिजिटल निगरानी होगी। यह विशेष रूप से साइबर क्राइम और संगठित अपराधों (Organized Crimes) को रोकने में मील का पत्थर साबित होगा।
4. सुरक्षा और सामाजिक प्रभाव
सरकार ने पुलिस को पहले ही सोशल मीडिया की निगरानी के लिए AI के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। यक्ष ऐप इसी रणनीति का अगला हिस्सा है। इसके जरिए:
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त्वरित धरपकड़: किसी भी वारदात के बाद संदिग्धों का हुलिया मिलते ही उसे पूरे डेटाबेस से मिलान किया जा सकेगा।
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पारदर्शिता: डेटा डिजिटल होने से पुलिसिंग में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ेगी।
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अपराधियों में खौफ: हाईटेक निगरानी के कारण अपराधियों के लिए छिपना अब नामुमकिन होगा।