समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान को आज कोर्ट से एक बड़ी राहत मिली है. रामपुर कोर्ट ने उन्हें सेना के जवानों पर दिए गए कथित विवादित बयान के मामले में बरी कर दिया है. कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष मामले में पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका है. यह मामला वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान का था. कोर्ट में उनकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) के माध्यम से कराई गई.
आजम खान पर यह मुकदमा बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना द्वारा 30 जून 2017 को सिविल लाइंस कोतवाली में दर्ज कराया गया था. आरोप था कि आजम खान ने चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय सेना के खिलाफ एक विवादित बयान दिया था, जिससे सेना की छवि और जवानों के मनोबल को ठेस पहुँचती है. लगभग 8 वर्ष तक चली सुनवाई के बाद, कोर्ट ने प्रस्तुत साक्ष्यों, गवाहों और तथ्यों पर विचार किया और आखिरकार आजम खान को इस मामले में आरोपों से मुक्त कर दिया.
8 साल तक चला कानूनी दांव-पेंच
यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब पूर्व मंत्री आजम खान साल 2017 के चुनाव प्रचार के दौरान मंच पर थे और कथित तौर पर उनकी जुबान फिसल गई थी. इसके बाद बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने उन पर मामला दर्ज कराया. उस समय, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A (समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और धारा 505 (सार्वजनिक दुराचार को प्रेरित करने वाले बयान) के तहत सपा नेता पर केस दर्ज किया गया था.
आठ वर्षों तक चले इस लंबे कानूनी दांव-पेंच के बाद, कोर्ट ने गुरुवार को अंतिम निर्णय सुनाया और आजम खान को बरी कर दिया. अदालत ने यह निर्णय इस आधार पर लिया कि पुलिस और अभियोजन पक्ष ठोस और पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफल रहा.
अन्य मामलों में जेल में हैं आजम खान
भले ही आजम खान को इस मामले में बड़ी राहत मिली हो, लेकिन वर्तमान में वह और उनके बेटे दोनों जेल में बंद हैं.
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आजम खान सितंबर महीने में जेल से बाहर आए थे.
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हालांकि, 17 नवंबर को रामपुर कोर्ट ने आजम खान और उनके बेटे को फर्जी पैन कार्ड मामले में दोषी पाया था.
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इस मामले में कोर्ट ने दोनों बाप-बेटे को 7-7 साल की सजा सुनाई थी.
फिलहाल दोनों पिता-पुत्र इसी मामले में जेल में बंद हैं. जानकारी के मुताबिक, आजम खान पर अभी भी 100 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. हालांकि, उन्हें कई मामलों में पहले ही बरी किया जा चुका है, और इस नए फैसले ने उन्हें एक और कानूनी लड़ाई में जीत दिलाई है, जिससे उनकी कानूनी परेशानियां कुछ हद तक कम हुई हैं.